कालेधन की अदला-बदली

- शिव शर्म
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विदेशों में जमा काला धन तो पता नहीं कब आए, लेकिन तब तक घरेलू काले धन को ही सफेद बनाया जा सकता है। काले धन का हल्ला सुन-सुनकर कान भी पक गए हैं। हमारा जीना हराम हो गया है। अब तो आप योगाभ्यास करने भी जाएँ तो वहाँ कालेधन को लाने की बात सुननी पड़ती है।

कालाधन न हुआ कोई स्वर्ण मृग हो गया जिसे लाने भर से हमारे सारे दारिद्रय दूर हो जाएँगे। प्रश्न यह है कि क्या काला धन रातोंरात बन गया है? दीवाली पर लक्ष्मी जी अवश्य अपनी सवारी उल्ल पर बैठकर आती हैं और किसी न किसी भक्त पर कृपावंत होकर धन-वर्षा कर चली जाती हैं। फिर यह घर-घर काला धन कहाँ से आ टपका है। इसे गिनने के लिए भी मशीन बुलवानी पड़ती है। लक्ष्मी जी भी इधर कम ही कृपा कर रही हैं।

हमारे धार्मिक ग्रंथों में धन को सभी बुराइयों की जड़ बताया गया है। साधु-बाबाओं ने धन से दूर रहने के लिए लंगोटी पहन कर धूनी रमाना प्रारंभ कर दिया और लक्ष्मी जी सदा के लिए यहाँ से नाराज हो कर चली गईं। अब उसे वापस लाने के लिए हल्ला बोला जा रहा है। सबसे बड़ा हल्ला भी बाबा रामदेव ही मचा रहे हैं। एक नेता ने उनसे ही पूछ लिया है कि पहले आप तो अपना उजागर करें, फिर बाहर का अंदर लाएँगे।

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जैसे महिलाओं से उनकी उम्र नहीं पूछी जाती वैसे ही संत-महात्माओं से उनकी आय के बारे में नहीं पूछना चाहिए। कई मंदिरों में भक्तगण जो धन भेजते हैं, उस पर लिखा रहता है देने वाला श्री भगवान, लेने वाला भी श्री भगवान। इसी प्रकार धर्म-कर्म में लगकर काला भी सफेद हो जाता है। फिर वह काला कहाँ रहा? कालेधन पर हल्ला मचाने के बजाय हमें सर्वप्रथम अपना धन उजागर करना चाहिए। मेरे ही प्रदेश में एक अफसर के पास से करोड़ों निकले। एक ऑफिस के बड़े बाबू की ही तलाशी हो जाए तो लाखों तो निकले ही निकले। अब तो शिक्षकों के पास भी निकल आएगा।

चूँकि, उनकी ऊपरी आय शून्य कैपिटेशन फीस तो लेना ही पड़ता है। वह 'दो दूनी चार' के ऋषि कपूर की तरह कॉपियों में नंबर बढ़ाकर कालाधन कमा ही लेता है। वैसे भी कालेधन वाले अभी धार्मिक एवं कथित पारमार्थिक ट्रस्टों में दान की अदला-बदली कर कालेधन को गोरा बना ही रहे हैं। सही भी है, विदेशी कालाधन अब आना हो तो आए, तब तक घरेलू को ही काले से गोरा बनाना ही चाहिए।

जैसे बड़ी कंपनियाँ काले से काले कपड़ों को सफेद बनाने के लिए नए से नए वाशिंग पावडर बाजार में ला रही है, काले धन को भी गोरा बनाने की क्रीम शीघ्र ही बाजार में बिकने को आने वाली है। बाबा लोग अब कालेधन को देश में वापस ले आने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बात तो तभी बनेगी जब सरकार प्रयास करे। सभी को अपने बच्चों की तरह काला धन बहुत प्यारा लगता है और दूसरों का काला।

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