History of Ganesh Chaturthi: प्राचीनकाल से ही भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति का जन्मदिन मनाया जाता रहा है। हर घर और मंदिर में गणेश उत्सव मनाने की परंपरा प्राचीनकाल से ही रही है, परंतु इसे सार्वजनिक रूप से भव्य पैमाने पर मनाने की परंपरा अंग्रेजों के काल में शुरु हुई।
तिलक 'स्वराज' के लिए संघर्ष कर रहे थे और वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहते थे। इसके लिए उन्हें ऐसा सार्वजानिक मंच चाहिए था, जहां से उनके विचार अधिकांश लोगों तक पहुंच सके। इस काम को करने के लिए उन्होंने गणपति उत्सव को चुना और इसे सुंदर भव्य रूप दिया जिसे आज हम देखते हैं।