अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।
विघ्नहर्ता श्री गणेश की 10 दिनों तक पूजा एवं आरती के बाद परिक्रमा करें और क्षमा मांगें कि पूजा में कोई भी कमी या भूल हुई तो उसके लिए माफ करें।
श्री गणेश क्षमा-प्रार्थना मंत्र
गणेशपूजने कर्म यत् न्यूनमधिकम कृतम।
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्न अस्तु गणपति सदा मम।।
इस प्रकार आप अपने घर पर गणपति का विधि विधान से स्थापना करें और 10 दिन तक उनकी आराधना करें। इसके बाद विसर्जन के दिन विधि पूर्वक हर्षोल्लास के साथ गणपति को विदा करें।