Ganesha Pratima : श्री गणेश जी की 10 दिवसीय स्थापना शीघ्र ही होने वाली है। और इस समय हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए मिट्टी के श्री गणेश जी ही बनाना चाहिए, क्योंकि यह न केवल उचित है, बल्कि धर्म के आधार पर भी सिर्फ मिट्टी के ही गणेश प्रतिमाओं का निर्माण सही बताया गया है। क्योंकि मिट्टी की बनी श्री गणेश प्रतिमा जल्द ही जल में घुल जाती है, जिससे भगवान का अपमान भी नहीं होता।
तो आइए हम यहां आपको बताते हैं कि घर में कैसे बनाएं श्री गणेश की मिट्टी की प्रतिमा...
मिट्टी के श्री गणेश की मूर्ति बनाने की सरल विधि :
- श्री गणेश चतुर्थी या बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद नदी के किनारे जाकर वहां से साफ मिट्टी लेकर आएं।
- उस मिट्टी को छानकर एवं शुद्ध जल मिलाकर एक 8 वर्षीय बालिका से उस मिट्टी में गंगाजल, केसर व पवित्र चंदन जल डालकर आटे जैसा गूंथवा लें।
- फिर स्वयं उस मिट्टी से एक गणेश जी की मूर्ति का निर्माण करें।
- तत्पश्चात उस मूर्ति को शुद्ध घी एवं सिंदूर का चोला चढ़ाएं एवं जनेऊ धारण करवाएं।
- इसके बाद 'ॐ नमो विघ्नहराय गं गणपतये नम' का मंत्र जाप करते हुए सच्चे मन से परिवारसहित गणेश जी की स्तुति करते हुए कामना करें,
कि- 'हे गणेश जी आप स्वयं आकर इस मूर्ति में प्रतिष्ठित हों।'
- इसके बाद श्री गणेश को धूप-दीप दिखाएं व 5 लाल रंग के पुष्प अर्पित करें।
- फिर 5 लड्डुओं का भोग लगाएं।
- और प्रतिदिन इसी तरह सुबह-शाम मिट्टी की श्री गणेश प्रतिमा का पूजन करें।
- वैसे तो यह अनुष्ठान लगातार 40 दिन तक करना चाहिए, लेकिन यदि आप 40 दिन तक यह अनुष्ठान नहीं कर सकते तो अनंत चतुर्दशी पर विधि-विधानपूर्वक इस मूर्ति का नदी में विसर्जन कर दें।
- इस प्रकार मिट्टी के गणेश बनाने और इस तरह पूजन करके विसर्जन करने से भगवान श्री गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की समस्त मनोकामना पूर्ण करके उन्हें सुखी-संपन्न और खुशहाल जीवन का आशीष देते हैं।
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