खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति क्यों है सबसे अच्छी?
वास्तुशास्त्र के अनुसार, ऑफिस या काम की जगह के लिए खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति सबसे शुभ मानी जाती है। इसके कई कारण हैं:
-
ऊर्जा और स्फूर्ति का प्रतीक: खड़े हुए गणेश जी गति, ऊर्जा और कार्य में तेजी का प्रतीक हैं। ऑफिस में हमें लगातार ऊर्जावान और सक्रिय रहने की जरूरत होती है। ऐसी मूर्ति कार्य में स्फूर्ति लाती है और कर्मचारियों को अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
-
सफलता और प्रगति का कारक: यह मुद्रा दर्शाती है कि गणेश जी हमेशा कार्य करने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। यह आपके व्यापार या करियर में निरंतर प्रगति और सफलता लाने में मदद करती है। यदि आपका व्यापार नया है या आप नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, तो यह मूर्ति विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है।
-
विघ्नों को दूर करने वाला: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति को कार्यस्थल पर रखने से काम में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और परियोजनाएं बिना किसी रुकावट के पूरी होती हैं।
-
गणेश जी की सूंड की दिशा: जब आप गणेश जी की मूर्ति का चयन करें, तो उनकी सूंड की दिशा पर भी ध्यान दें। वास्तु के अनुसार, गणेश जी की सूंड बाईं ओर होनी चाहिए। बाईं सूंड वाली मूर्ति को "वाममुखी" गणेश कहा जाता है, जो सुख, शांति, समृद्धि और सफलता लाते हैं। दाहिनी सूंड वाली मूर्ति को "सिद्धि विनायक" कहा जाता है और उनकी पूजा के नियम थोड़े कठिन होते हैं। इसलिए, ऑफिस के लिए वाममुखी गणेश जी की मूर्ति अधिक उपयुक्त मानी जाती है।
-
मूर्ति का स्थान और दिशा: ऑफिस में गणेश जी की मूर्ति को सही दिशा में स्थापित करना भी बहुत जरूरी है।
-
दिशा: मूर्ति को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि से जुड़ी होती है। यदि यह संभव न हो तो मूर्ति को पूर्व या पश्चिम दिशा में भी रख सकते हैं।
-
स्थान: मूर्ति को किसी साफ-सुथरी जगह पर रखें, जैसे कि आपकी मेज पर या एक छोटी सी शेल्फ पर। यह सुनिश्चित करें कि मूर्ति किसी गंदी जगह पर या शौचालय के पास न हो।
-
आकार: मूर्ति का आकार बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए। एक छोटी और आकर्षक मूर्ति सबसे अच्छी रहती है, जो आपकी मेज पर आसानी से फिट हो जाए।
सही गणेश प्रतिमा का चयन करके आप अपने कार्यस्थल पर सकारात्मक ऊर्जा और सफलता का माहौल बना सकते हैं। खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति, जिसकी सूंड बाईं ओर हो, आपके करियर और व्यापार के लिए सबसे शुभ और लाभकारी मानी जाती है। यह मूर्ति न केवल आपके कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी, बल्कि आपको निरंतर आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित करेगी।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।