श्री गंगा चालीसा- 'जय जग जननि अघ खानी' गंगा दशहरा पर जरूर पढ़ें
इस वर्ष 30 मई 2023, दिन मंगलवार को गंगा दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन श्री गंगा चालीसा पढ़ने से जीवन में उन्नति होती है और चारों दिशाओं से सफलता मिलती है। आइए गंगा दशहरा के पावन त्योहार पर यहां पढ़ें गंगा चालीसा का संपूर्ण पाठ...Ganga Chalisa
श्री गंगा चालीसा
दोहा
जय जय जय जग पावनी जयति देवसरि गंग ।
जय शिव जटा निवासिनी अनुपम तुंग तरंग ॥
चौपाई
जय जग जननि अघ खानी, आनन्द करनि गंग महरानी ।
जय भागीरथि सुरसरि माता, कलिमल मूल दलनि विखयाता ।।
जय जय जय हनु सुता अघ अननी, भीषम की माता जग जननी ।
धवल कमल दल मम तनु साजे, लखि शत शरद चन्द्र छवि लाजे ।।
वाहन मकर विमल शुचि सोहै, अमिय कलश कर लखि मन मोहै ।
जडित रत्न कंचन आभूषण, हिय मणि हार, हरणितम दूषण ।।
जग पावनि त्रय ताप नसावनि, तरल तरंग तंग मन भावनि ।
जो गणपति अति पूज्य प्रधाना, तिहुं ते प्रथम गंग अस्नाना ।।
ब्रह्म कमण्डल वासिनी देवी श्री प्रभु पद पंकज सुख सेवी ।
साठि सहत्र सगर सुत तारयो, गंगा सागर तीरथ धारयो ।।
अगम तरंग उठयो मन भावन, लखि तीरथ हरिद्वार सुहावन ।
तीरथ राज प्रयाग अक्षैवट, धरयौ मातु पुनि काशी करवट ।।
धनि धनि सुरसरि स्वर्ग की सीढ़ी, तारणि अमित पितृ पद पीढी ।
भागीरथ तप कियो अपारा, दियो ब्रह्म तब सुरसरि धारा ।।