अजय राय दे रहे हैं मोदी को तगड़ी चुनौती

शनिवार, 19 अप्रैल 2014 (12:53 IST)
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क्या बनारस से मोदी हार भी सकते हैं? अगर ऐसा हुआ, तो मोदी को अरविंद केजरीवाल नहीं, कांग्रेस के अजय राय हराएंगे। अजय राय बनारस के बाहुबली हैं। लगातार चार बार से विधायक चुने जा रहे हैं। उनका विधानसभा क्षेत्र है पिंडरा। दो हज़ार नौ में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया, तो सपा से चुनाव लड़ा। मुख्य मकसद खुद जीतना नहीं, मुख्तार अंसारी को चुनाव हराना था।

मुख्तार अंसारी भी बाहुबली हैं और उनके कट्टर दुश्मन हैं अजय राय। अजय राय ने ही अपने समर्थकों से कह दिया था कि वे मुरली मनोहर जोशी को वोट करें। एक तरह से उन्होंने अपने वोट जोशी को दिला दिए थे। इसके बावजूद जोशी सिर्फ 17 हजार वोटों से चुनाव जीते थे।

इस बार अजय राय हारने या हराने के लिए नहीं जीतने के लिए खड़े हुए हैं। मुद्‌दा भी उनके पास तगड़ा है कि मोदी हों या केजरीवाल, ये सब बनारस के राजनीतिक तीर्थयात्री हैं। विकास चाहिए तो स्थानीय आदमी को जिताइए। संभावना मोदी के जीतने की ज्यादा है, मगर यदि राय की बात बनारसियों के भेजे में बैठ गई, तो कुछ भी उल्टा सीधा हो सकता है।

एक फायदा राय को और यह है कि युवाओं और परिवर्तन के इच्छुक लोगों के वोट काटने के लिए अरविंद केजरीवाल हैं। अगर केजरीवाल मोदी को मिलने जा रहे वोट ले जाते हैं, तो मोदी के लिए बात चिंता वाली हो जाएगी। उधर मुसलामानों ने अंदरखाने यह तय कर लिया है कि वोट उसे देंगे, जो भाजपा को हरा सके। सो केजरीवाल के पास तो अभी इतनी ताकत नहीं है। भाजपा को हराने का दम तो अजय राय में ही नजर आ रहा है।

एक और बात यहां पर यह हुई है कि कांग्रेस के जो लोग भाजपा में चले गए थे, वो अजय राय के चुनाव लड़ने से वापस कांग्रेस में आ गए हैं। मोदी तो यहां के लोगों को जानते तक नहीं, मगर अजय राय तो सबको जानते हैं, सबको पहचानते हैं। सो बनारस में अजय राय को नाराज नहीं किया जा सकता।

शुरू से ही यहां के कांग्रेसी मांग कर रहे थे कि बनारस में मोदी के खिलाफ तगड़ा उम्मीदवार उतारना है, तो अजय राय को उतारा जाए। कांग्रेस ने अजय राय को टिकिट देकर इस सीट से मोदी की चिंता बढ़ा दी है। इतना तय है कि मोदी यहां से अगर जीते, तो बहुत कम वोटों से जीतेंगे।

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