देश में बदलाव की लहर, तो क्या...

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लखनऊ से पार्टी उम्मीदवार राजनाथसिंह लगता है देश में चल रही मोदी लहर से सहमत नहीं हैं। उन्होंने सोमवार को यहां कहा कि देश में परिवर्तन की लहर है।

राजनाथ आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में करीब एक घंटा देरी से पहुंचे। पत्रकारों से 5-7 मिनट की बातचीत में एक बार भी उन्होंने नरेन्द्र मोदी का नाम नहीं लिया न ही उन्होंने मोदी लहर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश में परिवर्तन की लहर है। एनडीए की लहर है। देश में एनडीए की ही सरकार बनने जा रही है।

जब उनसे मुरली मनोहर जोशी के उस बयान पर सवाल किया गया, जिसमें उन्होंने मोदी की लहर और गुजरात के विकास मॉडल को नकारा था, इस पर सीधे जवाब से बचते हुए राजनाथ ने कहा कि भाजपा और मोदी को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। मोदी और भाजपा अलग नहीं हैं।

जब उन्हें देवकांत बरुआ का वह बयान याद दिलाया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि 'इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा' तो उन्होंने कहा कि हमने कभी 'मोदी इज इंडिया, इंडिया इज मोदी' नहीं कहा। हालांकि मोदी का नाम राजनाथ ने सवाल-जवाब के दौरान ही लिया।

राजनाथ ने कहा कि पार्टी में नरेंद्र मोदी को लेकर कोई विवाद नहीं है। मोदी को प्राधानमंत्री बनाने का निर्णय मेरे अकेले का नहीं है। यह निर्णय पार्टी की सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड ने लिया है। बोर्ड तय करता है कि किसे उम्मीदवार बनाना है। मैं अकेला तय नहीं करता। सभी की सहमति से ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि समय-समय पर खबरें आती रही हैं कि राजनाथसिंह की निगाह भी प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर है। ऐसे में यदि मौका मिलता है तो वे भुनाने में बिलकुल भी नहीं चूकेंगे। दूसरे उनके कुछ फैसलों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी अंगुली उठाई है। वरिष्ठ नेता जसवंतसिंह को टिकट नहीं मिलने के लिए डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने वसुंधरा के साथ ही राजनाथसिंह को ‍भी जिम्मेदार ठहराया था।

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