मैं राजनाथ नहीं, राज बब्बर हूं

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'मैं उन दूसरे फिल्मी कलाकारों से अलग हूं, जो चुनाव लड़ रहे हैं और लड़ते हैं। राजनीति मेरे खून में है। जब डिंपल यादव को हराया तब भी लोग कह रहे थे कि मैं चुनाव नहीं जीत सकता। मोदी की कोई हवा नहीं है। नतीजे बताएंगे कि लोग मुझे कितना चाहते हैं।'

सवाल - इस बार तो सभी जगह से जैसे मोदी ही लड़ रहे हैं। आप कैसे जीतेंगे?
जवाब - जब मुलायमसिंह की बहू डिंपल के खिलाफ चुनाव लड़ा तब भी यही कहा जा रहा था कि आपके खिलाफ तो पूरी सपा लड़ रही है। कैसे जीतेंगे। पर मैं जीता। यहां भी लोगों की गलतफहमी को नतीजे दूर कर देंगे। मोदी की हवा मीडिया की फैलाई अफवाह है।

सवाल - कभी लखनऊ, कभी आगरा, कभी फतेहपुर सीकरी और अब गाजियाबाद?
जवाब - आगरा सुरक्षित सीट हो गई। राहुलजी चाहते थे कि गाजियाबाद से मैं लड़ूं। मैं किसी चुनौती से नहीं घबराता। फिर गाजियाबाद से मेरा रिश्ता पुराना है।

सवाल - गाजियाबाद से आपका क्या ताल्लुक?
जवाब - समाजवादी पार्टी के समय दादरी पावर प्रोजेक्ट के लिए यहां के किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव छीनने की कोशिश की गई थी। यहां एक इलाका है बझेड़ा। सबसे ज्यादा इफेक्टेड बझेड़ा के किसान थे। मैंने उनकी लड़ाई लड़ी और उनके खेत में हल चलाकर उन्हें उनकी जमीन वापस दिलवाई। प्रत्याशी घोषित होने के बाद सबसे पहले मैं बझेड़ा ही गया था। वहां किसानों ने जिस तरह से मेरा स्वागत किया, उसे कोई देखता तो मुझे बाहरी नहीं कहता।

सवाल - फिर भी यहां का मतदाता तो आपको बाहरी कहता है।
जवाब - मतदाता नहीं, विरोधी लोग। वैसे मैं पूरे देश को अपना मानता हूं। देश में कहीं से भी लड़ूं बाहरी नहीं रहूंगा।

सवाल - आपका विरोध भी हुआ था?
जवाब - फौरी नाराज़गी थी, जो अब दूर हो गई है। सुरेंद्र गोयल मेरे भाई हैं और अब चुनाव में वे ही सबसे ज्यादा उत्साह से मेरा साथ दे रहे हैं।

सवाल - जातियों का समीकरण कैसे बैठाएंगे?
जवाब - मैं धर्म, जाति के आधार पर चुनाव नहीं लड़ता। मेरा मानना है कि आम आदमी जब इस सबसे ऊपर उठकर वोट देता है, तभी कोई जीतता है। ना तो कांग्रेस की सोच जातिवादी है और ना मेरी। मुझे सभी का समर्थन मिल रहा है।

सवाल - लोगों को शंका है कि जिस तरह राजनाथ जीतकर दस दिन भी यहां नहीं रहे और चलते बने उसी तरह आप भी...।
जवाब - मैं राजनाथ नहीं, राज बब्बर हूं। मैं जहां से भी चुनाव लड़ा, वहां के वोटरों से आप पूछिए कि क्या वे मुझसे नाराज हैं? मैं फिल्मों में भी काम करता हूं और लगातार अपने इलाके से भी जुड़ा रहता हूं। किसी भी कार्यकर्ता के छोटे से छोटे काम को मैं अपना काम समझता हूं। यही वजह है कि जब आज मैं गाजियाबाद से चुनाव लड़ रहा हूं, मेरे पास उन सभी जगहों के कार्यकर्ता हैं, जहां-जहां से मैं अब तक चुनाव लड़ा।

सवाल - इस सीट पर आपका सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी कौन है?
जवाब - मैं ऐसा तो नहीं कहूंगा कि सारे वोट मुझे ही मिल रहे हैं। जनता जिसे चाहेगी, वो जीतेगा। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा। मेहनत तो सभी कर रहे हैं।

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