नगमा की गाड़ी का ब्रेक फेल...

नगमा को एक जैसे अंकों से बहुत प्यार है और वे उसे लकी भी मानती हैं। जिस गाड़ी में वे इस समय घूमती हैं, उसका नंबर यूपी 15 ए, 6666 है। जो बंगला उन्हें रहने के लिए मिला है, उसका नंबर 222 है। ये बंगला छावनी इलाके में है। इससे पहले नगमा होटल में रहती थीं।
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नगमा की गाड़ी के ब्रेक फेल : हापुड़ विधानसभा में प्रचार के लिए गईं नगमा की लकी गाड़ी के ब्रेक फेल हो गए। ड्राइवर ने गियर बदलकर गाड़ी कंट्रोल कर ली। सवाल यह है कि यदि गाड़ी लकी थी, तो ब्रेक फेल क्यों हुए? जवाब यह है कि गाड़ी लकी थी, इसलिए ब्रेक फेल होने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। एक सामान्य घटना को आप जिस तरह चाहें देख सकते हैं। कोई घायल हो जाता तो कहा जाता कि लकी गाड़ी है, इसलिए थोड़े में मामला निपट गया, वरना कोई मर भी सकता था।

वोट दो तो फीस आधी : मेरठ के डॉक्टरों की एसोसिशन ने तय किया है कि जो लोग वोट डालेंगे, उनसे अगले दो दिन तक आधी फीस ली जाएगी। स्याही का निशान जरूर दिखाना होगा। यहां चुनाव 10 अप्रैल गुरुवार को है। वोट डालने वालों को शुक्रवार-शनिवार आधी फीस में जांचा जाएगा।

अच्छी सूरत का बुरा होना : किसी का शेर है - अच्छी सूरत भी क्या भली शै है/जिसने डाली बुरी नज़र डाली...। नग़मा ने मेरठ की बावली-उतावली भीड़ से बचने के लिए अपने साथ आठ बाउंसर रखे हैं। ये सभी बाउंसर दिल्ली की किसी एचपी कंपनी से हैं। आठों वैसे ही हैं, जैसे बाउंसरों को होना चाहिए। मगर पब में किसी शराबी को उठाकर फेंकना अलग बात है और किसी सेलिब्रेटी को भीड़ से बचाना अलग।

तीन बार इन बाउंसरों पर भीड़ ऐसा हुक मार चुकी है कि बाउंसर बाउंड्री के बाहर ही नज़र आए हैं। मगर फिर भी नग़मा को इन बाउंसरों से दिन भर ही काम पड़ता है। दिन भर लोग उनके गले पड़ते रहते हैं और आंख के इशारे से बाउंसर समझ जाते हैं किसको नज़दीक आने देना है और किसे नहीं। नगमा को लेकर मेरठ में कौतुक तो बहुत होते रहते हैं। किसी ने सिक्कों में तौला, किसी ने बैठक कराई। हां याद आया, गुरुद्वारे में सियासी बैठक करने पर आयोग ने नग़मा को नोटिस दिया है।

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