भाजपा के मंच पर कांग्रेस का उम्मीदवार...

टिकट वापस करना तो इस चुनाव में आम हो गया है, मगर नोएडा के रमेशचंद्र तोमर ने जो किया है, वो आज तक किसी ने नहीं किया। वे नोएडा से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। मतदान से सात दिन पहले वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और अपने समर्थकों से कह दिया कि मुझे नहीं भाजपा उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा को वोट देना। निर्लज्ज ऐसे हैं कि मोदी के मंच पर आए और कहने लगे कि देश मोदी को मांग रहा है और ऐसे में यदि मैं कांग्रेस में रहूं, तो ये ग़लत है। मोदी के मंच से उन्होंने भाषण भी दिया।
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रमेशचंद्र तोमर भाजपा की तरफ से चार बार गाजियाबाद से सांसद रहे। पिछली बार उन्हें टिकट नहीं मिला तो जाकर कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछली बार भाजपा ने उनकी बजाय राजनाथसिंह को टिकट दिया था। इस बार कांग्रेस ने उन्हें नोएडा से टिकिट दिया तो वे माहौल को भांपकर भाजपा में आ गए। उनके ऐसा करने का नुकसान कांग्रेस को तो होगा ही, राज बब्बर को भी बहुत होगा। तोमर के समर्थक अभी तक राज बब्बर का काम कर रहे थे, अब वे भी भाजपा की तरफ चले जाएंगे।

हालांकि कट्टर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोमर के पुतले जलाए, उनके दफ्तर में तोड़-फोड़ की। यह आरोप भी लगाया कि मोटी रकम लेकर तोमर भाजपा में गए हैं, मगर जो आदमी खुद से नहीं शर्माता वो इस सबसे क्या डरेगा? मजे की बात यह है कि नोएडा से तोमर का नाम राहुल गांधी ने अपने उस नए मैथड से चुना था, जिसकी बहुत चर्चा है।

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रिटायर हो गए तो जनरल काहे के? : एक शख्स ने इस बात पर एतराज़ उठाया कि गाजियाबाद से भाजपा उम्मीदवार वीके सिंह फौज में जनरल पद से रिटायर होने के बाद भी खुद को जनरल लिख रहे हैं। सभी जगह उन्हें जनरल कहा जा रहा है। इससे यह भ्रांति फैल रही है कि वीके सिंह अभी भी फौज के प्रमुख हैं और नादान जनता फौज के सम्मान में उन्हें वोट दे सकती है। बहरहाल उस शख्स ने निवार्चन आयोग से इसकी शिकायत की है।

निर्वाचन आयोग ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आर्मी हेडक्वाटर चिट्‌ठी लिख कर पूछा है कि क्या वीके सिंह रिटायर होने के बाद भी खुद को जनरल लिख सकते हैं। ये चिट्‌ठी उप जिला निर्वाचन अधिकारी चुनकू राम पटेल ने लिखी है। उनका कहना है कि अभी तक फौज की तरफ से चिट्‌ठी का जवाब नहीं आया है और जब तक जवाब नहीं आ जाए, हम कुछ नहीं कर सकते। आर्मी हेडक्वाटर इस सवाल का सीधा जवाब देने से बच रहा है। हालांकि मौखिक रूप से जवाब यह मिला है कि अगर पद का उल्लेख किया जा रहा है तो रिटायरमेंट के बाद रिटायर लिखना भी जरूरी है।

भैंस और चरस : सपा सरकार में मंत्री आज़म खां की भैंस गुमने की खबर पिछले दिनों आई थी। मगर आगे की खबर टीवी ने दिखाई ही नहीं। आगे की खबर यह है कि पुलिस ने भैंस बरामद कर ली और एक आदमी को भैंस चुराने के आरोप में गिरफ्तार भी किया। भैंस चुराने वाला अभी भी जेल में है, क्योंकि यूपी पुलिस ने उसके पास से सिर्फ भैंस ही बरामद नहीं की, साढ़े पांच सौ ग्राम चरस भी बरामद की थी।

मंत्री की भैंस चुराने वाले को कुछ सबक तो मिलना ही चाहिए। भैंस चोरी के मामले में आरोपी की ज़मानत हो गई है, मगर चरस बरामदगी वाले मामले में जमानत न होने से आरोपी अभी भी जेल में ही है। होगा क्यों नहीं, आज़म खान की भैंस चुराना क्या कोई मामूली बात है?

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