शिर्डी। शिरडी में तमाम राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए साईबाबा के नाम का सहारा ले रहे हैं और उनके चुनावी वादों में 2018 में साईबाबा की समाधि के सौ साल पूरे होने से पहले शहर का कायाकल्प करना शामिल है।
शिरडी में बुधवार को होने वाले मतदान में मुकाबला मौजूदा सांसद और शिवसेना से कांग्रेस में आए भाउसाहेब वाकचाउरे, शिवसेना के सदाशिव लोखंडे और आम आदमी पार्टी के नितिन उडामले के बीच है।
शिवसेना ने पहले नाशिक से विधायक बबन घोलप को खड़ा किया था लेकिन भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके दोषी पाए जाने के बाद पिछले महीने ही उम्मीदवार बदला गया है।
शिवसेना के उम्मीदवार सदाशिव ने कहा कि चुनाव जीतने पर वह साईबाबा की नगरी के लिए केंद्र से विशेष विकास पैकेज मांगेंगे।
उन्होंने कहा कि शिरडी में साईबाबा की समाधि को 2018 में सौ साल पूरे होने जा रहे हैं। जिस तरह खालसा पंथ की स्थापना के 300 साल पूरे होने पर नांदेड़ को केंद्र से विशेष फंड मिला था, हम शिरडी के लिए उसी तरह के फंड की मांग करेंगे।
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार उडामले शिरडी में भक्तों के लिए बेहतर बुनियादी सुविधायें मुहैया कराने का वादा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिरडी में हर सप्ताह पांच से छह लाख भक्त दुनिया भर से आते हैं लेकिन मूलभूत सुविधाएं यहां हैं ही नहीं। शहर में साईबाबा संस्थान के 2000 कमरों के भक्त निवास के अलावा करीब 500 होटल हैं जिनमें से आधे पिछले साल पानी के संकट की वजह से बंद पड़े थे।
पेशे से कृषि स्नातक और क्लास वन अधिकारी रहे उडामले ने कहा कि शिरडी में बड़े बांधों से पानी की स्थायी आपूर्ति करानी होगी। सुविधाओं का इस कदम अभाव है कि इसके अलावा मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में महिलाओं के लिए सार्वजनिक टायलेट नहीं है।
मौजूदा सांसद वाकचाउरे का कहना है कि वह दोबारा चुन कर आते हैं तो साईबाबा मंदिर आने वाले दुनिया भर के भक्तों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि पार्टी बदलने के बाद भी लोग मुझे ही वोट करेंगे। मैंने शिरडी के लिए काम किया है और दोबारा जीतने पर बेहतर सुविधाएं देने का वादा करता हूं।
शिरडी सीट शिवसेना और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है और यही वजह है कि पिछले सप्ताह उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी यहां दौरा कर चुके हैं। शिरडी लोकसभा सीट में शिरडी के अलावा अकोले, संगमनेर, श्रीरामपूर, नेवासा और कोपरगांव विधानसभा क्षेत्र आते हैं।
साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के कार्यवाहक कार्यकारी अधिकारी अजय मोरे ने कहा कि जो भी पार्टी चुनाव जीते, उसकी प्राथमिकता साईबाबा की समाधि के सौवे वर्ष के लिए केंद्र से अधिक से अधिक फंड लाना होनी चाहिए। (भाषा)