आज भारत की जनसंख्या बढ़ते जा रही है। हम कुछ ही महीनों में जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ने वाले हैं। इसी के साथ आज जहां लोग संयुक्त परिवार से एकल परिवार की ओर जा रहे हैं और बढ़ती महंगाई के कारण जहां परिवार का पालन-पोषण करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भारत के एक कोने में एक ही परिवार में 160 से अधिक लोग रहते हैं। ऐसे में चुप-चुपके फिल्म का डायलॉग "..... इसे जिला क्यों नहीं घोषित कर देते" सही लगता है।
आइए जानते है इस परिवार के बारे में -
यह परिवार के मुखिया जियोना चाना थे जिनका निधन पिछले वर्ष 2021 में 13 जून को हुआ था। यह फैमिली गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में भी दुनिया की सबसे बड़े परिवार के रूप में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। यह विशाल परिवार आज मिजोरम की राजधानी आइजॉल के निकट ही बख्तवांग गांव में रहती है। यह परिवार का घर मिजोरम का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां लोग दूर-दूर से इतने बड़े परिवार का रहन-सहन और जीवनशैली देखने आते हैं। यह परिवार कितना प्रख्यात है हम इस बात से जान सकते हैं कि जियोना चाना (76) जी की मृत्यु का समाचार उस समय मिजोरम के तत्कालीन मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्वीट कर के दी थी।
कैसी है इनकी जीवनशैली -
दिवंगत जियोना चाना के इस परिवार में उनकी 38 पत्नियां, 89 बच्चे, 14 बहुएं और 33 पोते-पोतियां रहते हैं। इनका 100 कमरों का एक विशाल घर है। जाहिर सी बात है कि इतने बड़े परिवार की भोजन की खपत भी चौंकाने वाली ही होगी। यहां प्रतिदिन 60 किलो सब्जियां, 20 किलो फल, 30-40 मुर्गे, 25 किलो दाल, 45 किलो चावल और दर्जनों अंडे की खपत होती है। यहां सभी की अपनी ड्यूटी रहती है और बढ़े लोग काम की निगरानी भी करते हैं। परिवार में से कुछ पुरुष और महिलाएं संयुक्त रूप से खेती भी करते हैं।