जानें world ozone day मनाने का कारण, इन 5 तरीकों से रखें ओजोन लेयर को सुरक्षित

ओजोन लेयर के बारे में सभी ने बचपन से ही कीताबों में पढ़ा है, आप यह तो जानते ही होंगे की धरती से 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक परत होती है, जिसे ओजोन लेयर (ozone layer) कहा जाता है। यह परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (ultraviolet radiations) को हम तक पहुंचने से रोकती है। यदी सूर्य की हानिकारक किरणें सीधे धरती पर पहुंच जाए तो वे मनुष्य की सेहत के साथ पेड़-पौधों और जानवरों के लिए भी बेहद खतरनाक हो सकती है।
 
बीते कई सालों में अत्यधिक प्रदूषण जैसे कई कारणों ने ओजोन लेयर को क्षतिग्रस्त कर दिया है, इसका सुरक्षित रहना हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। ओजोन लेयर के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए 16 सितंबत को 'विश्व ओजोन दिवस' (world ozone day) मनाया जाता है।
 
आइए, जानते हैं कि ओजोन लेयर को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए किन चीजों में सावधानियां बरतने की अति आवश्यकता है -
 
1. किसी भी सामान व साम्रग्री की निर्माण प्रक्रिया में अगर ऐसी कोई भी गैस का उत्पादन होता है जोकि ओजोन लेयर को क्षतिग्रस्त करता हो, जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन, हैलोजेनेटेड हाइड्रोकार्बन, मिथाइल ब्रोमाइड और नाइट्रस ऑक्साइड आदि तो ऐसी साम्रग्रियों के निर्माण और इस्तेमाल पर नियंत्रण रखें।
 
2. वातावरण में अत्यधिक प्रदूषण के कारण भी ओजोन लेयर को क्षति पहुंचती है, इसलिए कोशिश करें की पेट्रोल, डिजल से चलने वाले वाहनों को बहुत ज्यादा आवश्यकता ना होने पर कम इस्तेमाल करें व अगर इस्तेमाल करे भी तो इन्हें दूसरों के साथ शेयर कर लें जिससे ज्यादा लोग एक ही गाड़ी में बैठें और प्रदूषण कम हो।      
 
3. कई सफाई उत्पादों में ऐसे पदार्थ होते है जो ओजोन लेयर के लिए हानिकारक होते है, ऐसे विषैले उत्पादों का इस्तेमाल कम करें और इनके बजाय घरेलू नुस्खे जैसे सिरका या बाइकार्बोनेट आदि को सफाई उत्पादों के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करें। 
 
4. लोकल व स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर जोर दें, क्योंकि जो उत्पाद लंबी दूरी तय करके आप तक आएंगे वे अपने ट्रांसपोर्ट के माध्यम की वजह से उतनी ही अधिक नाइट्रस ऑक्साइड का उत्पादन करेंगे जोकि ओजोन लेयर के लिए हानिकारक होता है। 
 
5. अगर एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करते है, तो उन्हें समय-समय पर रिपेयर कराते रहें क्योंकि उनके सही तरीके से काम नहीं करने पर वे वायुमंडल में सीएफसी (CFC) फैलाते है जो ओजोन लेयर को क्षति पहुंचा कर उनमें छेद करने के लिए जिम्मेदार होती है।
 
 

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