अक्सर बारिश के मौसम में हमें आसमान में काले बादल और हल्की-हल्की बारिश की फुहारें दिखाई देती हैं और फिर बारिश के बंद होने के बाद जब सूर्य की किरणें बादलों से टकराती हैं तो आकाश में एक अलग ही तरह की रंगबिरंगी आकृति नजर आती है, यही आकृति इंद्रधनुष कहलाती है।
एक नन्ही बूंद में दो सतह होती है। जब सूर्य का प्रकाश बूंद के अंदर प्रवेश करता है तो पहली सतह से टकराकर वह थोड़ा झुक जाता है। अब यह हम जानते ही हैं कि सूर्य के प्रकाश में सात रंग होते हैं, तो रंगों के बंडल बूंद में प्रवेश करने के बाद अलग-अलग रंग अपने-अपने हिसाब से झुकते हैं और सातों रंग दिखलाई पड़ जाते हैं।
लाल रंग का प्रकाश कम मुड़ता है और इसलिए वह इंद्रधनुष में सबसे ऊपर दिखाई देता है जबकि बैंगनी रंग का प्रकाश सबसे ज्यादा मुड़ता है इसलिए वह सबसे नीचे होता है। शाम के समय जब आसमान में पूर्व में और सुबह के समय पश्चिम में, बारिश के बाद आसमानी, लाल, पीला, नीला, हरा, नीला-बैंगनी रंगों का वृत्ताकार चक्र जैसा दिखाई देता है, इसे ही सप्तरंगी इंद्रधनुष कहते है।