पेन भी लकी होता है?

प्रफुल्ल देसाई नाम का एक युवक था। वह फौज में जाना चाहता था। इम्तिहान देने के बाद भी किसी न किसी कारण से हर बार वह भर्ती से बाहर हो जाता था। उसे लगता था कि उसका भाग्य उसका साथ नहीं दे रहा है। वह बड़ा परेशान हो गया और उसे कुछ सूझ नहीं पड़ रहा था।

प्रफुल्ल का एक मित्र था। उसने प्रफुल्ल की मदद करने का कहा। उसने प्रफुल्ल को एक पेन देते हुए कहा कि यह पेन बहुत लकी है। जब-जब मैंने इस पेन से परीक्षा दी मैं हमेशा अव्वल आया। अगली भर्ती की परीक्षा में तुम इस पेन को अपने पास रखना और हो सकता है कि यह तुम्हारे लिए भी लकी बन जाए।

प्रफुल्ल ने अगली परीक्षा में ऐसा ही किया। लिखित परीक्षा वह पास कर गया और दूसरे और अंतिम दौर में पहुँच गया। जब दूसरे दौर का नतीजा आया तो उसने यह भी पार कर लिया। अंतिम दौर में भी उसका प्रदर्शन अच्छा रहा और जब फाइनल नतीजा आया तो प्रफुल्ल परीक्षा के जरिए फौज में लेफ्टिनेंट बन गया। नतीजा देखकर प्रफुल्ल तुरंत अपने उसी मित्र के पास गया और बोला कि तेरा दिया गया पेन तो मेरे लिए बहुत ही लकी साबित हुआ। इसने मेरा चयन करा दिया।

प्रफुल्ल का मित्र यह सुनकर बोला- मित्र यह एक साधारण पेन है। इसमें लकी होने जैसी कोई बात नहीं है। लगातार असफलता से तुम्हारा विश्वास कमजोर हो गया था और इसीलिए मैंने तुम्हें यह पेन दिया। इस तरकीब ने काम किया। दरअसल विश्वास तो तुम्हारे अंदर ही था। यह तुम्हारी मेहनत का नतीजा है। कोई लकी पेन कमजोर विद्यार्थी को परीक्षा में सफलता नहीं दिलवा सकता है।

वेबदुनिया पर पढ़ें