गौतम गंभीर ने साबित की नेतृत्व क्षमता

गौतम गंभीर, आज देश के हर क्रिकेट की दीवानों के जेहन यही नाम गूंज रहा है। बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइटराइडर्स को गंभीर ने आईपीएल के सीजन 5 का चैंपियन बनाते हुए यह साबित किया कि उनमें भी बेहतरीन कप्तान बनने के गुण हैं।

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वैसे गंभीर विश्व कप 2011 से पहले टीम इंडिया के कार्यवाहक कप्तान के तौर पर न्यूजीलैंड जैसी टीम को सिरीज के सभी पांचों मैच हरा चुके हैं। यह सिरीज़ टीम इंडिया ने 5-0 से जीती थी।

क्रिकेट की दुनिया के सितारा क्रिकेटरों से सजी आईपीएल टीमों और महान कप्तानों की मौजूदगी में टूर्नामेंट की कागज़ पर कमजोर समझी जाने वाले कोलकाता नाइटराइडर्स को गंभीर ने अपनी गंभीर कप्तानी से आईपीएल- 5 का ताज दिला दिया।

फरवरी में गौतम गंभीर की योग्यता की अनदेखी करते हुए उन्हें टीम इंडिया की उपकप्तानी से हटाते हुए विराट कोटली को टीम इंडिया की उपकप्तानी सौंपी गई थी। यह गंभीर के लिए कठिनाई भरा दौर रहा, लेकिन उन्होंने विजेता खिलाड़ी की तरह वापसी की और आईपीएल-5 में नेतृत्व क्षमता दिखाई।

धोनी की सेना शूरवीरों में शामिल गंभीर ने टीम इंडिया के मुश्किल मैचों में भी कई यादगार पारियां खेली हैं। भारत के ट्‍वेंटी-20 वर्ल्ड कप का विजेता बना तो उसमें गंभीर ने 54 गेंदों पर 75 रनों की आतिशी पारी खेली थी। 50 ओवरों के वर्ल्ड कप फाइनल में भी गंभीर ने अपने बल्ले से 97 रन बनाए थे और 28 वर्षों बाद भारत विश्व विजेता बना था।

कई लोगों का कहना है कि गंभीर को वर्ल्ड कप फाइनल 2011 मैच का मैन ऑफ मैच का पुरस्कार मिलना था। टेस्ट मैचों में 45.26 के औसत से गंभीर ने 9 शतक और 19 अर्द्धशतक बनाए हैं। वन-डे में गंभीर का औसत 40.49 है और 10 शतक और 31 अर्द्धशतक उनके नाम हैं। गंभीर भारत के उन श्रेष्ठ बल्लेबाजों में हैं जो स्पिन गेंदबाजी को खेलने में विशेष प्रवीणता रखते हैं।

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