प्रियंका गांधी वडेरा : एक आकर्षक व्यक्तित्व

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नेहरू-गांधी पर‍िवार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना-पहचाना नाम है। सबसे प्रतिष्ठित राजनीतिक पर‍िवार में से एक माना जाता है। उसी पर‍िवार से नाता रखने वाली‍ प्रियंका गांधी एक आकर्षक व्यक्त‍ित्व वाली मह‍िला हैं।

राजनीति के माहौल में पली बढी़ प्रियंका बचपन से ही इसमें रची बसी हैं। राजीव-सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका का जन्म 12 जनवरी 1972 को द‍िल्ली में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली श‍िक्षा नई द‍िल्ली के मॉर्डन स्कूल कान्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी से क‍ी और नई दिल्ली के जीजस एंड मैरी महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की है।

मनोविज्ञान में बीए कर चुकीं प्रियंका की हिन्दी साहित्य में गहन रूच‍ि है। इसका श्रेय वह अम‍िताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन को देती हैं। उन्होंने ही प्रियंका को इतनी अच्छी ह‍िन्दी स‍िखाई। वे प्रियंका को श्री हर‍िवंशराय बच्चन की कव‍िताएं सुनाती थीं और प्रियंका को उन्हें पढ़ने को कहती थीं।

18 फरवरी सन् 1997 में उनकी शादी द‍िल्ली के उघोगपत‍ि रॉबर्ट वडेरा से हुई। उनकी पहली मुलाकात एक म‍ित्र ओटेवियो क्वट्रोच के घर हुई थी। 29 अगस्त सन् 2000 में उन्होंने एक बेटे को जन्म द‍िया। उसके बाद उन्होंने 24 जून 2002 को एक बेटी को जन्म द‍िया। ज‍िनके नाम रेहान व म‍िराया है। कई बार चुनाव अभ‍ियान में प्रियंका अपने बच्चों के साथ दिखाई देती हैं।

शादी के बाद खुद को प्रियंका गांधी कहलाना उन्हें नहीं भाता। एक रोड शो के दौरान उन्होंने एक र‍िपोर्टर से कहा था क‍ि कृपया मुझे प्रियंका वडेरा कहें। अपने भाई राहुल गांधी से उम्र में छोटी प्रियंका बचपन से ही काफी स्मार्ट हैं। सुंदर नैन-नक्श वाली प्रियंका अपनी दादी की छव‍ि हैं। उनका दमदार व्यक्त‍ित्व भी दादी की तरह है। यह गर्व की बात है कि उनके प‍िता राजीव गांधी, दादी श्रीमती इंद‍िरा गांधी और दादी के पिता जवाहरलाल नेहरु त‍ीनों ही भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।

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एक सफल और सक्रिय राजनीति घराने से संबंध रखने वाली प्रियंका अपना भव‍िष्य राजनीति में नहीं बनाना चाहतीं। जब उनसे इस बारे में सवाल क‍िया गया तो उनका जवाब न में ही रहा।

उनका मानना है क‍ि राजनीति का मतलब स‍िर्फ लोगों की सेवा करना है और यह मैं पहले से कर रही हूं। गौरतलब है कि वे अपनी मां और भाई को चुनाव अभ‍ियान में मदद करती हैं। उनकी सबसे अध‍िक सक्रियता 2004 के उत्तरप्रदेश चुनाव में देखी गई थी। रायबरेली और अमेठी में वे अपने भाई राहुल, मां सोन‍िया गांधी के साथ जनसंपर्क में जाती रही हैं।

कहा जाता है कि इन क्षेत्रों में प्रियंका के आने पर खासी भीड़ इकट्ठा होती है। अमेठी में प्रियंका की चर्चा इस कदर है की चुनाव न लड़ते हुए भी उनके नाम से स्लोगन ल‍िखे जाते हैं। 'अमेठी का डंका बेटी प्रियंका'।

वे एक अच्छी इलेक्शन आर्गेनाइजर और अपनी मां की सलाहकार भी हैं। अपनी मां और भाई की राजनीतिक सलाहकार के अलावा वे राजनीति में कोई जगह नही चाहतीं। उनकी प्राथम‍िकता उनके बच्चे और पर‍िवार है।

प्रियंका की राजनीतिक सक्रियता और पर‍िवार के बीच उनका तालमेल आज बहुत से लोगों के ल‍िए प्रेरणादायी है, लेकिन भारत को इंद‍िरा गांधी की तरह प्रियंका ‍के दमदार नेतृत्व का इंतजार है।

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