हिन्दू नव वर्ष कैसे मनाएं?

अनिरुद्ध जोशी
शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022 (13:16 IST)
How to celebrate Hindu New Year Hindu nav varsh 2079 : इस बार हिन्दू नवर्ष 2079 मनाया जाएगा। इसी दिन से बसंत नवरात्रि का प्रारंभ भी होता है। हिन्दू नव वर्ष को गुड़ी पड़वा कहने का प्रचलन है। अंग्रेजी कैलेंडर 2022 के अनुसार इस बार हिंदू नववर्ष 2 अप्रैल 2022 शनिवार को है। इस नव वर्ष को किस तरह मनाया जाता है और क्या खास कार्य करते हैं इस दिन आओ जानते हैं।
 
ALSO READ: हिन्दू नव वर्ष 2079 कब है, जानिए विशेषता
1. सूर्योदय से पूर्व उठकर घर की साफ सफाई करने के बाद घर को तोरण, मांडना या रंगोली आदि से सजाया जाता है। इस दिन नव संवत्सर का पूजन, नवरात्र घटस्थापना, ध्वजारोपण आदि विधि-विधान किए जाते हैं। प्रत्येक राज्य में इस पर्व को वहां की स्थानीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार मनाते हैं।
 
 
2. लोग प्रातः जल्दी उठकर शरीर पर तेल लगाने के बाद स्नान करते हैं। स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद मराठी समाज गुड़ी को बनाकर उसकी पूजा करके घर के द्वारा पर ऊंचे स्थान पर उसे स्थापित करते हैं, जबकि अन्य समाज के लोग धर्म ध्वजा को मकान के उपर लहराते हैं।
 
3. गुड़ी पड़वा दो शब्दों से मिलकर बना हैं। जिसमें गुड़ी का अर्थ होता हैं विजय पताका और पड़वा का मतलब होता है प्रतिपदा। इस दिन सभी हिन्दू अपने घरों पर भगवा ध्वज लहराकर उसकी पूजा करते हैं। इस कार्य को विधि पूर्वक किया जाता है जिसमें किसी भी प्रकार की गलती नहीं करना चाहिए।
 
 
4. इस दिन कड़वे नीम का सेवन आरोग्य के लिए अच्छा माना जाता है।
 
5. इस दिन श्रीखंड का सेवन करके ही दिन की शुरुआत करते हैं। 
 
6. इस दिन पारंपरिक व्यंजन तैयार किए जाते हैं जैसे पूरन पोली, पुरी और श्रीखंड, मीठे चावल जिन्हें लोकप्रिय रूप से सक्कर भात कहा जाता है| हर प्रांत के अपने अलग व्यंजन होते हैं। 
 
7. इस दिन जुलूस का आयोजन भी होता है। लोग लोग नए पीले परिधानों में तैयार होते हैं और एक दूसरे से मिलकर नव वर्ष की बधाई देते हैं। लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ उत्सव का आनंद लेते हैं और सड़क पर जुलूस का हिस्सा बनते हैं।
 
 
8. इस दिन बहिखाते नए किए जाते हैं।
 
9. इस दिन से दो दिन के लिए दुर्गा सप्तशति का पाठ या राम विजय प्रकरण का पाठ की शुरुआत की जाती है। 
 
10. इस दिन नए संकल्प लिए जाते हैं।
 
11. इस दिन कोई अच्‍छा कार्य किया जाता है। जैसे प्याऊ लगाना, ब्राह्मणों या गायों को भोजन कराना। 
 
12. इस दिन किसी योग्य ब्राह्मण से पंचांग का भविष्यफल सुना जाता है।
 
 
13. इस दिन हनुमान पूजा, दुर्गा पूजा, श्रीराम, विष्णु पूजा, श्री लक्ष्मी पूजा और सूर्य पूजा विशेष तौर पर की जाती है।

सम्बंधित जानकारी