सृष्टि संवत 1,95,58,85,116 के अंतर्गत श्री विक्रम संवत 2072, कलि संवत 5116, श्रीकृष्ण संवत 5251, सप्तर्षि संवत 5091, श्रीबुद्ध संवत 2638-39, श्रीमहावीर निर्वाण संवत 2540-41, शक संवत 1937-38, हिजरी संवत 1436-37, इंग्लिश संवत 2015-16 ईस्वी, फलसी संवत 1422-23, खालसा संवत 316-17, नानकशाही संवत 546-47, सृष्टि संवत के अंतर्गत सतयुग प्रमाण 17,28,000, त्रेतायुग 12,96,000, द्वापर युग का प्रमाण 4,32,000 वर्षों का होता है।
कीलक नाम संवत्सर के बारे में कहावत है कि यह जब भी आता है, तब फसलों को क्षति पहुंचाता है। अतिवृष्टि, अकाल जैसी स्थिति, चूहों से भय, कीट-पतंगों से फसलों को नुकसान होता है। प्रशासक व जनता में टकराव की स्थिति बनती है। वर्षा के मौसम में वर्षा अनुकूल होने के साथ वर्षा के मौसम की फसलों को लाभ मिलता है।
गुरु मान से शिव विंशति के अंतर्गत 'कीलक’ नाम का नया विक्रम संवत 2072 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 21 मार्च 2015 ई. तदनुसार नवसंवत् प्रवेश 21/15 प्रविष्टे 8 चैत्र, शनिवार से प्रारंभ होगा। शनिवार से प्रारंभ होने से आगामी वर्ष का राजा भी शनि होगा। मंत्री मंगल, शस्येश गुरु, धान्येश बुध, मेघेश चन्द्र, रसेश शनि, नीरसेश गुरु, फलेश चन्द्र, धनेश गुरु, दुर्गेश चन्द्र होंगे।