गुजरात में भाजपा के लगातार 18 साल के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लेउवा पटेल समुदाय ने सत्तारूढ़ पार्टी की रातों की नींद उड़ा दी है, क्योंकि इस जाति के कद्दावर नेता केशुभाई पटेल द्वारा नई पार्टी गठित करने के बाद अभी यह तय नहीं है कि सौराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव में यह समुदाय किस ओर जाएगा।
पटेल समुदाय की राज्य में करीब 18 प्रतिशत जनसंख्या है और यह समुदाय पिछले दो दशक से भाजपा के साथ था लेकिन इस बार वे लेउवा और कादवा उपजातियों में विभाजित हो गए हैं। लेउवा उपजाति का प्रतिनिधित्व 83 वर्षीय केशुभाई पटेल करते हैं और उनका आरोप है कि मोदी शासन में पिछले 10 वर्ष में इस समुदाय पर ध्यान नहीं दिया गया।
राजनीतिक विश्लेषक दिनेश शुक्ला ने कहा कि सवाल यह है कि किस राजनीतिक दल को इस शक्तिशाली उपजाति का समर्थन मिलेगा? वे भाजपा के साथ रहेंगे या वे जीपीपी के साथ जाएंगे? उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा की 182 सीटों में से सौराष्ट्र क्षेत्र में 54 सीटें हैं, जो 7 जिलों भावनगर, अमरेली, जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, सुरेंद्रनगर और राजकोट में फैली हैं। इसलिए हमेशा यह कहा जाता है कि जो भी पार्टी सौराष्ट्र में दबदबा बनाएगी, राज्य में उसी का शासन होगा। (भाषा)