अहमदाबाद। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा कमाल किया कि राज्य में रिकॉडों का भी रिकॉर्ड बन गया। पार्टी ने न सिर्फ 156 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, बल्कि 25 सीटों पर बड़े अंतर से जीत दर्ज पर राज्य में कांग्रेस की नींव ही हिला दी। भाजपा ने पहली बार विधानसभा चुनावों में किसी राज्य में 86 प्रतिशत सीटें जीती। 2 सीटों पर अंतर 2 लाख के करीब रहा।
गुजरात में आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार समुदाय के एक वर्ग ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया था। लेकिन अब इस समूह का मतदाता इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की ओर लौट आया है। पार्टी ने 48 पाटीदारों को चुनाव मैदान में उतारा था इनमें से 41 जीत गए। वहीं कांग्रेस से 41 में से 3 पाटीदार उम्मीदवार ही जीत हासिल कर सके।
सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस ने 2017 में मोरबी, टंकारा, धोराजी और अमरेली की पाटीदार बहुल सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, ये सभी विधानसभा क्षेत्र इस बार भाजपा की झोली में गए।
वहीं, गुजरात विधानसभा चुनाव में नोटा के तहत पड़े वोट की हिस्सेदारी 2017 की तुलना में नौ प्रतिशत से अधिक घट गई है, इस बार खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे अधिक 7,331 नोटा वोट पड़े हैं।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में इस चुनाव में 5,01,202 या 1.5 प्रतिशत वोट नोटा के थे, जो 2017 के विधानसभा चुनावों में 5,51,594 से कम हैं। खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे ज्यादा 7,331 नोटा वोट पड़े, उसके बाद दांता में 5,213 और छोटा उदयपुर में 5,093 वोट पड़े।
Edited by : Nrapendra Gupta