गुजरात विधानसभा चुनाव में महज 12 दिन शेष रह गए हैं और सभी उम्मीदवार जोर-शोर से लोगों से वोट मांगने के लिए प्रचार कर रहे हैं। सौराष्ट्र में हमेशा यह सवाल होता है कि यहां पाटीदार समाज का वोट किस दल की झोली में जाएगा। यही कारण है कि भाजपा, कांग्रेस और आप ने सौराष्ट्र-कच्छ की 54 में से 16 सीटों पर पाटीदारों पर फोकस करते हुए पाटीदार उम्मीदवार उतारे हैं। सभी दलों की नजर पाटीदार वोटरों पर है। इन 16 सीटों मुकाबला भी रोचक होने की उम्मीद है।
साल 2017 में पाटीदार मतदाताओं ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। इस वजह से सौराष्ट्र-कच्छ की 54 सीटों में से 30 सीटें कांग्रेस और 23 सीटें बीजेपी को मिली थीं। इस बार पाटीदारों को अपने साथ रखने के लिए हर राजनीतिक दल पाटीदार बहुल सीटों पर फोकस कर रहा है। इस बार 16 सीटें ऐसी हैं जिनमें बीजेपी, कांग्रेस या आप के पाटीदार नेता आमने-सामने हैं। इनमें से कुछ मुकाबले बेहद दिलचस्प हैं।
राजकोट दक्षिण सीट पर भाजपा ने खोडलधाम के पूर्व ट्रस्टी रमेश तिलाला को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने हितेश वोरा और आप ने शिवलाल बरसिया को टिकट दिया है। चूंकि इस सीट पर पाटीदारों का दबदबा है, इसलिए पाटीदारों के वोट तीन पार्टियों के उम्मीदवारों में बंट जाएंगे। जबकि दूसरी जाति के वोट निर्णायक साबित हो सकते हैं।
अमरेली जिले में कांग्रेस के परेश धनानी के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार भाजपा के कौशिक वेकारिया हैं, जो एक युवा चेहरा हैं। हालांकि परेश धनानी का दबदबा सालों से है, इसलिए यहां के पाटीदारों का झुकाव उनकी तरफ है या नहीं, यह नतीजों के दिन ही पता चलेगा।