हरियाणा में उचाना कलां, डबवाली, असंध और दादरी में भाजपा की जीत का मार्जिन आप को मिले वोटों से कम रहा। अगर दोनों दलों में चुनाव पूर्व गठबंधन कर लेते ते खेल बदल सकता था। भाजपा अगर यह 5 सीटें हार जाती तो बहुमत से पीछे रह जाती और कांग्रेस का आंकड़ा भी 42 पर पहुंच जाता। दोनों मिलकर इनके अलावा भी कई सीटों पर ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगी दलों से महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में अगले दौर के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए कुछ सलाह मिली।
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। कांग्रेस महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ बातचीत कर रही है।
Edited by : Nrapendra Gupta