बढ़ती उम्र में दिखना है युवा तो यह 7 कदम आपके लिए हैं

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शालीनता के साथ बूढ़े होने और दिखने का अपना चार्म होता है। महिलाओं के मामलों में ऐसा देखा जाता है कि वे कुछ ही वर्षों के दौरान बहुत अधिक बूढ़ी दिखने लग जाती हैं। लेकिन, ऐसा भी होता है कि कुछ महिलाएं दूसरी महिलाओं की तुलना में बेहतर दिखती हैं, जबकि कई महिलाएं अपनी उम्र से भी ज्यादा की दिखने लगती हैं। 
 
हालांकि आप क्या कोई भी बूढ़े होने और दिखने से बच नहीं सकता है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो कि बुजुर्ग भी ग्रेसफुली होती हैं। इस स्थिति को पाने के लिए आपको 7 कदम उठाने की जरूरत है। 
 
1. इस दिशा में सबसे पहली जरूरत है कि आप इलैस्टिक वेस्बैंड्‍स यानी आधुनिक लेकिन आरामदायक ड्रेसेस को अपनाएं। 
 
आपको कैजुअल और फॉर्मल वियर को अपनाना होगा जो कि आपको स्टाइलिश लुक देते हैं। जब आप बैठती हैं तो यह नितम्बों को अधिक फैला हुआ नहीं दिखाता जैसा कि जींस और टाइट सूट में होता है। इसके साथ ही अगर लम्बा कुर्ता और डिजाइनर लैगिंग्स पहनें तो आप और भी आकर्षक दिखेंगी। 
 
कैसा मेकअप करें कि न दिखे बुढ़ापा...
2. पुराना मेकअप : कपड़ों की तरह से मेकअप स्टाइल भी बदलना जरूरी है। आपके मेकअप से आपकी उम्र का राज उजागर हो सकता है। ठीक वैसे ही पेड़ के तने पर बढ़ते वलयों की संख्या से उसकी उम्र का पता लग जाता है। लेकिन एकदम लेटेस्ट लुक अपनाने की बजाय पुराने और आजमाए हुए ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर ध्यान दें। इसलिए बेहतर होगा कि आप वैसा ही मेकअप करें जैसा कि पंद्रह वर्ष पहले करती थीं।
 
यानी आप अपनी उम्र में से 15 वर्ष की कटौती करती नजर आएंगी, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप जितने भी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें वे अच्छे होने चाहिए। 
 
और क्या करें... 
 
3. एक पर्सनल शॉपर को रखें : एक अच्छा पर्सनल शॉपर आपकी बॉडी के टाइप के बारे में अच्छी तरह जानता है। आपके क्लोजेट में क्या-क्या है, इसका भी ध्यान रखें। पूरे वार्डरोब को बदलने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। एक अच्छा शॉपर याद रखता है कि आप क्या खरीदती हैं और उन चीजों के मू्ल्यों में कमी की दरयाफ्त करता है जो आपने खरीदे, आजमाए लेकिन अब नहीं मिल पा रहे हैं। कभी-कभी एक छोटी से छोटी बात भी उम्र का बहुत बड़ा अंतर बताने में सक्षम होती है।

क्या व्यायाम बंद कर देना चाहिए.. 
4. व्यायाम बंद करें, स्वस्थ दिखें : यह सभी जानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ हमारी पाचन क्रिया भी धीमी होती जाती है और इस कारण से बजन बढ़ने लगता है। कभी-कभी आप वे व्यायाम भी नहीं कर पाती हैं जो कि पहले कभी करती रही हों। घुटनों में दर्द होता है, पैर दुखने लगते हैं और ऐसी हालत में तैराकी सबसे अच्छा व्यायाम होता है। इसी तरह पैदल चलना भी अच्छा व्यायाम होता है और सुबह के समय घूमने के साथ ताजी हवा खाएं। इस समय पर आपका सबसे बड़ा मंत्र होना चाहिए कि व्यायाम पर रोक लगा लें, लेकिन वजन भी बहुत अधिक ना बढ़ने दें। इसके लिए हल्के-फुल्‍के व्यायाम ही करें। 
 
कितना जरूरी है फीलगुड फैक्टर... 
5. वक्त के साथ खुद को बदलें : बूढ़ा होना ऐसी बीमारी नहीं है जिसका कोई इलाज हो। हमें अपना सबसे अच्छा दिखना और अनुभव करना है और इसका अर्थ यह नहीं है कि हम घड़ी की सुइयों को पीछे की ओर कर दें। हम सभी अपने-अपने जीन्स की उपज हैं और हमने शुरुआती दशकों में अपना जितना ध्यान रखा होगा, उसी के अनुरूप हमारा शरीर बन जाता है। बदलती लाइफ स्टाइल की अच्छी बातें स्वीकारें। खुश रहें-खुश दिखें। उम्र के किसी खास दौर में आप अगर खूब शिकायत करती हैं तो उम्र ढलने पर माफ करना और मुस्कुराना सीखें। 
 
यदि आप बूढ़े हो रहे हैं तो... 
6. अपने आप को बूढ़ा न समझें : हम ऐसी बहुत सारी महिलाओं से मिलते हैं जो कि यह सोचकर अवसाद से घिर जाती हैं कि वे युवा नहीं रहीं हैं। यह बात इस पर ज्यादा निर्भर करती है कि हम अपने को कैसा अनुभव करते हैं, अपने आप को कैसा देखते हैं।
 
अधिक उम्र की सबसे सुखी महिलाएं वे हैं जो कि पूरा जीवन जीती है, सक्रिय जीवन जीती हैं। अपने काम से खुद को व्यस्त रखें। याद रखिए आप उतने ही अधिक बूढ़े होते हैं जितने कि आप अपने आप को समझते हैं। हमारा मन हमें युवा रखता है। डॉक्टरों का कहना है कि मेनोपॉज की उम्र पार करने के बाद महिलाएं कम अवसाद की शिकार होती हैं और वे अपने जीवन, काम के बारे में बेहतर विचार रखती हैं।
 
....नमक के साथ रिश्ता
7. नमक के साथ रिश्ता तोड़ें : नमक के कई नाम हैं और ये कई रूपों में हमारे जीवन में घुसपैठ करता है। जब इस ज्यादा मात्रा में लिया जाता है तो यह रक्तचाप के तौर पर सामने आता है। हमारे घुटने सूजने लगते हैं और आंखों के नीचे गड्‍ढे बनते हैं। निश्चित मात्रा में हमें नमक की भी जरूरत होती है। जो बहुत अधिक उम्र की नहीं हैं उन्हें अपनी नमक की खुराक पर ध्यान देना चाहिए। आप जितना कम नमक खाएंगी, उतना ही अच्छा महसूस करेंगी और स्मार्ट दिखाई देंगी। 
 
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बढ़ती उम्र मांग करती है कि हम अपने खाने को लेकर अधिक सतर्क हो जाएं। हमारा शरीर हमारा मंदिर होता है और इसे उसी तरह से पूजें। 

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