ब्रिटेन समेत यूरोपीय देशों के बाद कोरोना का नया वेरिएंट AY.4.2 एशिया में भी तेजी से फैल रहा है। इस वायरस को डेल्टा प्लस वेरिएंट भी कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह डेल्टा वेरिएंट का ही सब-लीनिएज बताया जा रहा है। संभावना जताई जा रही थी कि कोविड का नया वेरिएंट आता है तो भारत में तीसरी लहर आ सकती है। साथ वैज्ञानिकों द्वारा यह भी दावा किया गया था कि अक्टूबर-नवंबर तक तीसरी लहर आ सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डेल्टा का ये वेरिएंट तेजी से फैलता है तो इसे वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की सूची में डाल दिया जाएगा। आइए जानते हैं AY.4.2 वेरिएंट के बारे में, कितना खतरनाक है AY.4.2 वेरिएंट और AY.4.2 वेरिएंट से बचाव के उपाय -
कितना खतरनाक है AY.4.2 वेरिएंट, दूसरे वेरिएंट के मुकाबले?
फिलहाल में यह वैज्ञानिकों के लिए नई चिंता है। इस पर शोध जारी है। AY.4.2 वेरिएंट दुनिया के कई देशों में पाया जा रहा है। यूके विशेषज्ञों के ने इसकी पहचान की है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूके में सामने आ रहे कोविड के नए मामलों में AY.4.2 की 8-9 फीसदी हिस्सेदारी मानी जा रही है। अभी तक किए गए शोध में इसे अल्फा और डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले कम खतरनाक बताया गया है। जारी शोध के अनुसार दुनिया में अभी कई सारे वेरिएंट देखने को मिल सकते हैं।आने वाले नया वेरिएंट डेल्टा से ही प्रभावित होगा।
AY.4.2 वेरिएंट से बचाव के उपाय
देखा जाए तो कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी लोग कोविड की चपेट में आ रहे हैं। कई देशों में कोविड से बचाव के लिए बूस्टर डोज भी लगाया जा रहा है। ऐसे में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। वहीं कोविड के नए वेरिएंट AY.4.2 ने सभी को चिंता में डाल दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड की चपेट में आने से बचने के लिए एक बार फिर से कोविड नियमों को रिकॉल कर उसका पालन करने की जरूरत है।
कोविड के अलग-अलग वेरिएंट
अभी तक कोविड के अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आ चुका है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा प्लस वेरिएंट से कई लोगों की जान चली गई थी। वहीं देश में तीसरी लहर नहीं आए इसे लेकर अभी से सतर्कता बरतने की जरूरत है।