आयुर्वेद के अनुसार सेहत से जुड़ी कोई भी समस्या, पंचतत्व एवं वात, पित्त व कफ में असंतुलन के कारण पैदा होती है। माइग्रेन भी उन्हीं में से एक समस्या है जो असाधारण सिरदर्द के साथ ही सेहत की अन्य समस्याओं को भी बढ़ाता है।
आकाश मुद्रा बनाने की विधि - आकाश मुद्रा के लिए सबसे पहले पद्मासन, सुखासन अथवा वज्रासन में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों की मध्यमा यानि के अग्रभाग यानि पोर को अंगूठे के अग्र भाग से मिलाएं। इसे रोजाना 10 से 15 मिनट के लिए 3 बार करें।
7 सकारात्मक विचारों का संचार
सावधानी - वात प्रकृति वालों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए। इससे गैस, त्वचा में सूखापन, गठिया की समस्या हो सकती है।