कोरोना के बाद से इन दिनों हाथों को धोने के लिए साबुन की जगह हैंड सैनिटाइजर का उपयोग अधिक किया जा रहा है। हैंड सैनिटाइजर कीटाणुओं और बैक्टीरिया को हमारे हाथों से निकाल देता है, साथ ही इसके इस्तेमाल के बाद हाथों से भीनी सी महक भी आती है, लेकिन कुछ लोगों को बार-बार हाथ धोने की आदत सी होती है। ऐसे लोगों को हर छोटे-बड़े काम में हाथ डालने के बाद लगता है कि उनके हाथ सिर्फ पानी से साफ नहीं हो पाएंगे, इसलिए वे बार-बार हाथ साफ करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं।
1. हैंड सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसान नाम एक केमिकल होता है, जिसे हाथ की स्किन सोख लेती है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से यह केमिकल आपकी त्वचा से हुते हुए आपके स्क्त में मिल जाता हैं। रक्त में मिलने के बाद यह आपकी मांसपेशियों के ऑर्डिनेशन को नुकसान पहुंचाता है।
2. हैंड सैनिटाइजर में विषैले तत्व और बेंजाल्कोनियम क्लोराइड होता है, जो कीटाणुओं और बैक्टीरिया को हाथों से बाहार निकाल देता है, लेकिन यह हमारी त्वचा के लिए अच्छा नहीं होता है। इससे त्वचा में जलन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. सैनिटाइजर में खुशबू के लिए फैथलेट्स नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, इसकी मात्रा जिन सैनिटाइजर में ज्यादा होती है, वे हमारे लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के अत्यधिक खुशबू वाले सैनिटाइजर लीवर, किडनी, फेफड़े तथा प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।
5. इसके ज्यदा इस्तेमाल से त्वचा ड्राई हो जाती है।
6. कई रिसर्च के अनुसार इसका ज्यादा प्रयोग बच्चों की इम्यूनिटी को भी घटाता है।