2 एलोवेरा देखने में यह अवश्य अजीब सा पौधा है लेकिन इसके गुणों का कहीं कोई अंत नहीं है। यह जहां बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी एड़ियों के लिए यह लाभप्रद है वहीं दूसरी तरफ यह खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
3 जलने पर, अंग कहीं से कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोवेरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आँखों के काले घेरों, फटी एडियों के लिए यह लाभप्रद है। इसका गूदा या जैल निकालकर बालों की जड़ों में लगाना चाहिए। बाल काले, घने-लंबे एवं मजबूत होंगे।
4 यह मच्छर से भी त्वचा की सुरक्षा करता है। आजकल सौंदर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के रूप में बाजार में एलोवेरा जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम, और ब्यूटी क्रीम में हेयर स्पा में ब्यूटी पार्लरों में धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। कम से कम जगह में, छोटे-छोटे गमले में एलोवेरा आसानी से उगाया जा सकता है।
5 एलोवेरा जैल या ज्यूस मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ होंगे। एलोवेरा के कण-कण में सुंदर एवं स्वस्थ रहने के कई-कई राज छुपे पड़े हैं। यह संपूर्ण शरीर का कायाकल्प करता है। बस, जरूरत है तो रोजमर्रा की व्यस्त जिंदगी से थोड़ा सा समय अपने लिए चुराकर इसे अपनाने का।