ऐसा कहा जाता है कि जैसी हमारी सुबह होती है हमारा पूरा दिन भी वैसा ही जाता है। उद्यमी टीम फेरिस का कहना है कि अगर हम अपनी सुबह जीत लेते हैं तो हम अपना बाकि का पूरा दिन भी जीत लेते हैं। हम सुबह उठते ही जो ऊर्जा मिलती है या जैसी ऊर्जा का निर्माण हम करते हैं उसका असर पूरे दिन की क्रियाओं पर पड़ता है। ऐसी ही कुछ सुबह की आदतें है जिन्हें सुधारकर हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
1 सबसे पहली आदत जो हम सुबह उठते ही करते हैं वह है अपना फोन चेक करना। ऐसा नहीं करना चाहिए। सुबह उठते ही कई लोगों की आदत होती है कि वह सोशल मीडिया का प्रयोग करने लगते हैं, इससे उन्हें समय का ध्यान ही नहीं रहता जिससे उनका टाइम बिगड़ता है। इसी के साथ रात भर आंखें रेस्ट मोड पर रहती है और सुबह उठते ही फोन के उपयोग से आंखों पर जोर पड़ता है जिससे वह थकती है। इसके प्रयोग से जो हमारा समय व्यर्थ हो जाता है तो उसके कारण हम दिन की पहली जंग में ही पीछे हो जाते हैं। जिसके कारण दिनभर आत्मविश्वास में कमी होती है।
2 दूसरी आदत यह है कि सुबह उठने के बाद हम अपना बिस्तर वैसे ही छोड़ देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सुबह उठते ही यदि आलस और सुस्ती के वातावरण को बनाए रखेंगे इससे पूरे दिन आप मंद गति से ही कार्य करेंगे। इसलिए आप सुबह उठने के बाद सबसे पहले अपना बिस्तर सही और फोल्ड करें। इससे मनोवैज्ञानिक फायदा पहुंचता है जिससे जीवन में धीरे-धीरे अनुशासन की आदत बनती है। सेना में भी जवानों को अपने बिस्तर सुबह सही से रखने के आदेश होते हैं और न करने पर उन्हें सजा भी मिलती है।
3 तीसरी आदत यह है कि हम उठने के बाद पानी नहीं पीते हैं। आपने भी देखा होगा कि सुबह उठने के बाद हमारा शरीर अकड़ा हुआ रहता है और कमजोर भी अनुभव करता है। इसका कारण है शरीर में पानी की कमी हो जाना। हमारे शरीर में इतने घंटे पानी नहीं जा पाता और सुबह उठते ही बिना पानी पीए हम दिनचर्या में लग जाते हैं, इसके कारण दिनभर शरीर में सुस्ती और कमजोरी की अनुभूति होती है। सुबह उठते ही एक-डेढ़ गिलास पानी पीए चाहिए, इससे आप शरीर में पानी की पूर्ति तो होगी गई, पेट की समस्या भी ठीक होगी।
4 सुबह उठते ही हम धूप में नहीं बैठते हैं। जब हम उठते हैं तो हमारी ऊर्जा मंद होती है। और इसी ऊर्जा को लेकर हम दिन भर के कार्य करते हैं तो कहीं न कहीं हममें आत्मविश्वास की कमी बनी रहती है। ऐसे में उठते ही कुछ देर सूर्य की किरणों में बैठने से दिमाग में सेरटोनिन हार्मोन बनता है जिसके कारण आप शांत, ऊर्जावान और सकारात्मक अनुभव करते हैं। इसी के साथ विटामिन डी की भी पूर्ति होती है।
5 एक आदत यह है कि हम सुबह उठकर ऐसा कुछ नहीं करते हैं जिससे हमारा कम्फर्टजोन टूटे। जिसके कारण पूरे दिन हम एक स्लो मोड में रहते हैं और हमारा आत्मविश्वास भी न्यून स्तर का रहता है। जब हम सुबह उठकर कुछ कसरत या दूसरी गतिविधि करते हैं, या अध्ययन करते हैं तो इससे हम सुबह उठते ही वह कार्य करते हैं जो जिसके लिए हमारा शरीर तैयार नहीं रहता, और इनको पूर्ण करने से हमारा कम्फर्टजोन तो टूटता है साथ में हम एक अचीवमेंट प्राप्त करने के आत्मविश्वास से भी भर जाते हैं।