डिटॉक्सिफिकेशन बॉडी को स्वस्थ रखने का एक बेहतरीन तरीका है। इससे न सिर्फ आपके रक्त में शुद्धता आएगी, बल्कि किडनी, लीवर, त्वचा और फेफड़ों की भी शुद्धि होगी। इससे आपका ब्लड प्रेशर भी ठीक रहेगा। इसलिए समय- समय पर इस प्रक्रिया से गुजरना चाहिए।
क्यों है इसकी जरुरत?
बहुत मोटे तौर पर डिटॉक्सिफिकेशन की प्रक्रिया को तब महसूस किया जा सकता है, जब आपको स्किन में कोई एलर्जी हो रही हो, या कोई इन्फेक्शन। इसके साथ ही आंखों में या शरीर के किसी दूसरे हिस्से में सूजन हो रही हो तो आपको इसकी जरुरत है। महिलाओं के पीरियड में कोई दिक्कत है या पीरियड की टाइमिंग गड़बड़ हो गई है तो डिटॉक्सिफिकेशन के लिए जाना चाहिए।
क्या होता है डिटॉक्सिफिकेशन
दरअसल इसके तहत एक हफ्ते के लिए एक शेड्यूल बनाना होता है। इसके लिए शुरू में दो दिन सिर्फ लिक्विड डाइट पर रहना होता है। बाद में दो दिन तक फल और सब्जियों का सेवन किया जा सकता है।
आइए जानते हैं बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने के तरीके।
ग्रीन वेजिटेबल्स औरा फल
फल और हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन किया जाना चाहिए। इससे शरीर के अंदर से डिटॉक्सिफाई होगा। इससे लीवर एंजाइम एक्टिव रहेंगे।
ऑर्गेनिक फूड
केमिकल वाले खाद्य से बचने का सबसे अच्छा तरीका है ऑर्गेनिक फूड खाना।
एंटी ऑक्सीडेंट
एंटी ऑक्सीडेंट्स प्राकृतिक तरीकों से हमारे शरीर से विषैले रासायनिक तत्वों को बाहर निकालते हैं। इससे फ्री रेडिकल्स से लड़ने में कोशिकाओं को मदद मिलती है। इसके लिए विटामिन ए, सी, ई, सेलेनियम, लाइकोपिन, ल्यूटिन एंटीऑक्सीडेंट्स, फल, सब्जियों, कुछ कुदरती मसालों, मिक्स मेवा, ग्रीन कॉफी, ग्रीन टी, तुलसी, अदरक, लहसुन व अंडे जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।
लाइट फूड लें
इस दौरान दिनभर में कुछ न कुछ खाते रहें, यह लाइट होना चाहिए। ऐसा करने से बॉडी में एनर्जी बनी रहती है। इससे कोलेस्ट्रॉल और शुगर भी मैंटेन रहेंगे।
सांस ठीक से लें, नाक साफ रखें
हमारे आसपास पॉल्यूशन बहुत है। ऐसे में धूल कणों से एलर्जी हो सकती है। इसलिए रोज़ाना नाक की सफाई करें।
चबाकर आराम से खाएं
जल्दी में और बगैर चबाए खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है। इसलिए जितना भी खाएं, जो भी खाएं, चबा-चबा कर खाएं। अधचबा खाना आपकी पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचाता है। धीरे-धीरे और चबाकर खाने लार इन फूड पार्टिकल्स को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर उन्हें नरम बनाती हैं। इससे एसिडिटी भी नहीं होगी।
मिर्च और तीखा न खाएं
ज्यादा नमक या मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करें। दिन भर में 5 ग्राम से कम नमक का सेवन शरीर के लिए ठीक है। इससे ज्यादा मात्रा बहुत सी बीमारियों को बुलावा है।
पानी खूब पिएं
डिटॉक्सिफिकेशन के सभी चरणों में पानी पीना एक सबसे महत्वपूर्ण क्रिया है। यह न केवल प्यास बुझाने का काम करता है, पाचन में भी मददगार है। रोजाना कम से कम 2 लीटर पानी पीना बहुत जरूरी है। इससे आप हाइड्रेटेड रहेंगे। हर 1 घंटे में एक गिलास पानी पिएं तो शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।