Durva Grass Benefits : गणेश चतुर्थी का त्योहार आते ही हर घर में हरी-भरी दूब की सजावट नजर आती है। भगवान गणेश को यह प्रिय भोग है, पर क्या आप जानते हैं कि यह हरी-भरी दूब सिर्फ़ धार्मिक महत्व ही नहीं रखती, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है? आयुर्वेद में दूब को 'दूर्वा' कहा जाता है और इसे कई बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। ALSO READ: डायबिटीज के मरीजों को कौनसा जूस पीना चाहिए? सेवन करने से पहले जान लें ये जरूरी टिप्स
2. रक्त शोधक : दूब रक्त को शुद्ध करने में भी सहायक है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक है।
3. त्वचा के लिए लाभदायक : दूब त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद करता है। दूब का रस मुंहासों, दाग-धब्बों और त्वचा के संक्रमण को दूर करने में भी कारगर है।
4. तनाव और चिंता को कम करता है : दूब का सेवन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह दिमाग को शांत करता है और नींद अच्छी आने में सहायक है।
5. यूरिन संबंधी समस्याओं में लाभदायक : दूब यूरिन संबंधी समस्याओं जैसे मूत्र पथ के संक्रमण, पथरी और मूत्राशय की सूजन को दूर करने में भी मदद करता है।
दूब का सेवन कैसे करें?
दूब का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है....
दूब का रस : दूब के पत्तों को पीसकर उसका रस निकालकर सेवन किया जा सकता है।
दूब का काढ़ा : दूब के पत्तों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
दूब का चूर्ण : दूब के पत्तों को सुखाकर पीसकर चूर्ण बनाकर सेवन किया जा सकता है।
ध्यान दें:
दूब का सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि कुछ लोगों को दूब से एलर्जी हो सकती है।
गणेश जी को चढ़ाई जाने वाली हरी दूब सिर्फ़ धार्मिक महत्व ही नहीं रखती, बल्कि सेहत के लिए भी एक वरदान है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने, रक्त को शुद्ध करने, त्वचा को स्वस्थ बनाने, तनाव को कम करने और मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
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