Parenting tips: आज के समय में पैरेंटिंग के मायने बदले हैं। बड़े होते बच्चों के साथ माता-पिता को बहुत धैर्य की ज़रुरत होती है। ये सच है कि पैरेंट्स बच्चों की दुनिया होते हैं और बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करना और दोस्ताना माहौल बनाए रखना पैरेंटिंग का एक अहम हिस्सा है।
बच्चों के साथ रखें दोस्ताना व्यवहार
माता-पिता जब अपने बच्चे को दोस्त समझते हैं, तो बच्चा अपनी बातें खुलकर माता-पिता से कर पाते हैं। इससे बच्चों का माता-पिता के प्रति विश्वास बढ़ता है और उन्हें भरोसा होता है कि उनके माता-पिता उनकी बात समझेंगे। है। इससे बच्चे आत्मविश्वास से भरे होते हैं और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करते हैं। इससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होता है
बच्चों को समझाने के लिए अपनाएं ये तरीका
अक्सर पैरेंट्स बच्चों की भावनाओं को नज़रंदाज़ करते हैं। ये सच है कई हर माता पिता बच्चों कई भलाई के बारे मने सोचते हैं लेकिन ये भी सच है कि बच्चों को समझाने के लिए सही तरीके का इस्तेमाल ज़रूरी है। बच्चों की अपनी राय होती है, उन्हें सुनें और उनकी राय का सम्मान करना चाहिए। आदेश देने की बजाय उन्हें समझाएं कि क्यों कुछ चीजें करना जरूरी है। इस बात का विशेष ध्यान रखे कि बच्चों की तुलना दूसरों से न करें। बच्चों पर चिल्लाना या मारना उनके आत्मविश्वास को कम करता है।
इस बात का रखें विशेष खयाल:
बच्चों के साथ समय बिताएं, उनके साथ खेलें, बातचीत करें और उनकी एक्टिविटी में शामिल हों। जब बच्चे कुछ कहें, तो ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। बच्चों से सवाल पूछें, ताकि वे अपनी बातें खुलकर कह सकें। बच्चों की हर छोटी बड़ी उपलब्धियों की सराहना करें और उन्हें प्रोत्साहित करें। दोस्ती का मतलब यह नहीं है कि बच्चों को सब कुछ करने दें।
उन्हें सीमाएं निर्धारित करें और उन्हें समझाएं कि क्यों कुछ चीजें करना जरूरी है। बच्चों को वह व्यवहार सिखाएं जो आप उनसे देखना चाहते हैं। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करने के लिए आपको खुद में कुछ बदलाव लाने पड़ सकते हैं। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाए रखने के लिए धैर्य रखना बहुत जरूरी है।
बच्चों कोअनुशासन सिखाने के लिए अपनाएं ये तरीका
अनुशासन जरूरी है, लेकिन इसे सख्ती से नहीं बल्कि प्यार और समझदारी से सिखाएं। बच्चों को उनकी गलतियों का एहसास कराते समय उन्हें यह भी समझाएं कि आप उनसे प्यार करते हैं और यही कारण है कि आप उनकी भलाई के लिए ऐसा कर रहे हैं। बच्चों की तुलना दूसरों से करने से वे असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। हर बच्चा अनोखा होता है और उनके गुणों को पहचानना और सराहना करना जरूरी है। बच्चे अपने माता-पिता के व्यवहार को देखकर सीखते हैं। इसलिए, उन्हें अच्छे मूल्य सिखाने के लिए आपको खुद अच्छे आचरण का पालन करना चाहिए।
अच्छे काम के लिए करें बच्चों की प्रशंसा
बच्चों को उनके अच्छे व्यवहार, मेहनत और उपलब्धियों के लिए प्रोत्साहित करना और प्रशंसा करना चाहिए। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे आगे और बेहतर करने के लिए प्रेरित होते हैं।
बच्चों को समय दें
बच्चों को समय देना बेहद जरूरी है। उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करें और उनके साथ खेलें, पढ़ें, और बातचीत करें। इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा।