दिन रात आजकल यह एक शब्द फिटनेस हर कहीं सुनाई देता है.... फिर कोई खबर आती है किसी युवा की ... और सब सकते में कि आखिर....आखिर जिम जाने वाले फिट लोगों को क्यों आता है इतना घातक हार्ट अटैक...
फिटनेस से जुड़ा कारोबार आज सबसे तेज गति से बढ़ने वाला बिजनेस है...रोजाना करीब 500 करोड़ लोग दिन भर में एक बार अपनी फिटनेस पर चर्चा जरूर करते हैं...."लेकिन हकीकत में शरीर की फिटनेस क्या होती है इस विषय में संसार में किसी को कोई जानकारी नहीं है ना ही इसका कोई तय फार्मूला है...
कितने ही ऐसे लोग हैं जिन्होंने जिम जाकर पसीने की नदी बहा दी। जाने कितने जतन कर डाले लेकिन उनका वजन कम नहीं हुआ बल्कि 40-50 की उम्र में ही वे दुनिया से रुखसत हो गए...
आज सवाल यही है कि कहीं फिटनेस का यह कारोबार लोगों के जीवन से तो नहीं खेल रहा? कहीं दुनिया अमेरिका और यूरोप की फैशन इंडस्ट्री का कूड़ेदान तो नहीं बन रही?
पिछले दिनों सौरव गांगुली को दिल का दौरा पड़ गया....फिटनेस के लिए पहचाने जाने वाले कपिल देव को एंजियोप्लास्टी करवानी पड़ी। और महज 40 साल की उम्र में मॉडल एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया...
सिद्धार्थ शुक्ला अपनी फिट बॉडी के लिए मशहूर थे। दरअसल फिटनेस आज जरूरत के स्थान पर एक नशा है सुंदर दिखने का, एक फैशन है समाज का ,लोगों को आकर्षित करने का जरिया है....समझना हमें है कि हमारा शरीर कितना और कैसा तनाव झेल सकता है...
तो इसलिए जिम जाने से भी है खतरा..!
अच्छी सेहत और फिट रहने के लिए लोग जिम जाते हैं। लेकिन कई बार जल्दी करने की होड़ में अति कर देते हैं। जी हां, अधिक मात्रा में प्रोटीन की मात्रा लेने से किडनी पर असर पड़ता है। बिना उचित सलाह के प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने पर बॉडी पर साइड इफेक्ट नजर आने लगते हैं। साथ ही व्हे प्रोटीन की अधिक खपत होने पर किडनी स्टोन की समस्या बढ़ जाती है। जानकारों के मुताबिक जरूरत से अधिक मसल्स बढ़ाने पर टिश्यूस फट जाते हैं। और एक वह भी मौत का बहुत बड़ा कारण बन जाता है।