Heat Wave : गर्मियों में लू क्यों लगती है? लू लगने पर क्या करें? सावधानियां
गर्मी के मौसम में सूरज की रोशनी (sun heat) से बाहरी वातावरण बेहद गर्म हो जाता है। अत: ऐसे में इन दिनों गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है और हर तरफ से तपती धूप के कारण सन स्ट्रोक/ लू (heat strok) लगने की खबरें भी सुनने को मिल रही है, ऐसे में बेहद जरूरी है कि हम अपनी सेहत का खास ख्याल रखें।
आइए जानते हैं लू लगना वास्तव में होता क्या है, यह क्यों लगती है तथा इसकी चपेट में आने पर हम क्या-क्या सावधानियां अपनाएं...
गर्मियों में क्यों लगती है लू :
गर्मियों के मौसम (Summer Season) में लू चलना आम बात है और 'लू' (Loo) गर्मी के मौसम की बीमारी है। 'लू' लगने का प्रमुख कारण शरीर में नमक और पानी की कमी होना है। पसीने के रूप में नमक और पानी का बड़ा हिस्सा शरीर से निकलकर खून की गर्मी को बढ़ा देता है।
इसके साथ ही कई और कारण भी हैं, जैसे- शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाना, घर से भूखे पेट निकलकर धूप में अधिक देर तक घूमना, धूप से आने के तुरंत बाद एकदम ठंडा पानी पी लेना, अचानक शरीर में नमक की मात्रा का घट जाना, धूप में लगातार काम करते रहना आदि।
लू लगने पर क्या करें :
- यदि लू लगने के कारण बुखार तेज होने लगे तो रोगी को ठंडी खुली हवा में आराम करवाएं।
- लू लगने पर डॉक्टर को दिखाने के पूर्व कुछ प्राथमिक उपचार करने पर भी लू के रोगी को राहत महसूस होने लगती है। यदि ऐसा नहीं हो रहा हो तो तत्काल योग्य डॉक्टर को दिखाए और उपचार लें।
- बुखार 104 डिग्री से अधिक होने पर बर्फ की पट्टी सिर पर रखना चाहिए।
- प्यास बुझाने के लिए नींबू के रस में मिट्टी के घड़े अथवा सुराही के पानी का सेवन करवाना चाहिए। बर्फ का पानी नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे लाभ के बजाए हानि हो सकती है।
- रोगी को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर देना चाहिए।
- रोगी के शरीर को दिन में 4-5 बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए।
- चाय-कॉफी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए।
- जौ का आटा व पिसा प्याज मिलाकर शरीर पर लेप करें तो लू से तुरंत राहत मिलती है।
- जब रोगी को बाहर ले जाए तो उसके कानों में गुलाब जल मिला कर रूई के फाहे लगाएं।
- रोगी की नाभि पर खड़ा नमक रखकर उस पर धार बांध कर पानी गिराए। शरीर की सारी गर्मी चली जाएगी।
- मरीज के तलवे पर कच्ची लौकी घिसें इससे सारी गर्मी लौकी खिंच लेगी और तुरंत राहत मिलेगी। लौकी कुम्हला जाए तो समझें कि लू की गर्मी उतर रही है। यह क्रिया बार-बार दोहराए।
- गर्मी के मौसम में कैरी का पना विशेष लाभदायक होता है। इसके लिए कच्चे आम को गरम राख पर मंद आंच वाले अंगारे में भुनें। ठंडा होने पर उसका गूदा (पल्प) निकालकर उसमें पानी मिलाकर मसलना चाहिए। फिर इसमें जीरा, धनिया, शकर, नमक, कालीमिर्च डालकर पना बनाना चाहिए। इस पने को लू के रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर में दिया जाना चाहिए।
सावधानियां:
- अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह ना जाएं। खासकर एसी में बैठे रहने के बाद तुरंत धूप में ना निकलें।
- कच्चा प्याज रोज खाएं। धूप में निकलने पर अपने पॉकेट में छोटा सा प्याज रखें यह लू शरीर को लगने नहीं देता और सारी गर्मी खुद सोख लेता है।
- गर्मी में सफेद या हल्के रंग के कॉटन कपड़े पहनें।
- धूप में निकलने पर सिर अवश्य ढकें। आंखों पर सनग्लासेस लगाएं।
- अधिक गर्मी में मौसमी फल, जलजीरा, लस्सी, फल का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो सके।
- गर्मी के मौसम में खुले शरीर धूप में न निकलें।
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