तुलसी कई औषधीय गुणों से भरपूर है। हमारी संस्कृति में तुलसी के पत्तों का बहुत महत्व माना जाता है। तुलसी का पौधा वातावरण को शुद्ध करता है, क्योंकि यह ही एकमात्र ऐसा पौधा बताया गया है, जो ओजोन छोड़ता है, जो कि सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करता है।
जब भी सर्दी-खांसी व जुकाम की बात आती है तो तुलसी वाली चाय व तुलसी का काढ़ा पीने की सलाह जरूर दी जाती है। साथ ही साथ इसकी गंध से मच्छर भी भाग जाते है। वहीं कहा जाता है कि तुलसी के पौधे को आंगन में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। तुलसी का पौधा वायु प्रदूषण को भी कम करता है, वहीं तुलसी में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होने के कारण इसका इस्तेमाल बेहतर सेहत बनाए रखने के लिए भी किया जाता है।
कई लोग ऐसे भी हैं, जो नियमित सुबह तुलसी के पत्तों का सेवन कर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। लेकिन तुलसी का सेवन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है, क्योंकि जितने तुलसी के पत्तों के फायदे हैं, उतना ही नुकसान भी। जी हां, तुलसी के सेवन में यदि लापरवाही बरती जाए तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी सिद्ध हो सकती है।
तो आइए जानते हैं कुछ ऐसी बातें, जो तुलसी का सेवन करने से पहले हमें पता होनी चाहिए-how to eat tulsi
अधिकतर लोगों का सवाल होता है कि क्या सच में तुलसी के पत्तों में पारा होता है?
जी हां, यह बिलकुल सच है कि तुलसी के पत्तों में पारा यानी कि मर्करी पाया जाता है। इसलिए कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों को चबाकर नहीं खाना चाहिए। यह हमारे दांतों को कमजोर बनाता है और खराब कर देता है।
यह सच है कि तुलसी के फायदे बहुत ज्यादा हैं। तुलसी का सेवन जरूर करें। लेकिन जब भी इसका सेवन करें तो इसके पत्ते को सीधे पानी के साथ निगल लें यानी इसे चबाकर नहीं खाएं। लगातार ज्यादा मात्रा में तुलसी का सेवन न करें, वरना यह कई बीमारियों का कारण बन सकती है।
कई लोग तुलसी के पत्ते को दूध वाली चाय में भी डालते हैं, लेकिन यह सेहत के लिहाज से बहुत नुकसानदायक है, क्योंकि तुलसी को कभी भी दूध के साथ नहीं लेना चाहिए। यह बहुत बुरा प्रभाव डालता है, वहीं दूध पीने के एक घंटे के बाद तक तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। अत: तुलसी पूजन का सुख-समृद्धि में जितना धार्मिक महत्व माना जाता है, वहीं इसका औषधीय महत्व भी बहुत है। बस उसके सेवन करने का तरीका सही होना चाहिए।