जानिए आंतों में संक्रमण का कारण कृमि के 3 प्रकार और लक्षण...

आंतों में संक्रमण होना आपकी सेहत को सबसे ज्यादा बिगाड़ता है। यह पेट संबंधी समस्याओं को पैदा कर आपके शरीर की संपूर्ण प्रक्रिया पर असर डालता है। कभी-कभी आंतों में कृमि के कारण भी संक्रमण पैदा हो जाता है जो काफी खतरनाक होता है।
 
पेट में कीड़े होना - कृमि, व्हिपवर्म, गिर्डिएसिस, टेपवर्म्स आदि पेट में पैदा होने वाले कीड़ों के कारण आंतों में संक्रमण का खतरा होता है। ये आंतों में अंडे भी देते हैं।
 
1 सृत्र कृमि - ये कभी-कभी पेशाब की नली या योनि के पास भी पहुंच जाते हैं और वहां खुजली और जलन पैदा करते हैं। आंतों में संक्रमण के अलावा इससे खून की भारी कमी हो सकती है, जिससे शरीर और चेहरा पीला पड़ जाता है। भूख नहीं लगना ओर कमजोरी होना भी इसमें शामिल है।

ALSO READ: शरीर को अंदर से साफ (Detox) रखने के लिए खाएं ये 4 चीजें
 
2 फीता कृमि - फीता कृमि की लम्बाई 31 से 62 मिमी, तक होती है। यह आकार में लंबा व चपटा, गांठदार और सफेद होता है। फीता कृमि अलग-अलग प्रकार से रोगी को प्रभावित करते हैं।
 
3 गोल कृमि - ये आंतों में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले आंत कृमि हैं। केंचुए की तरह दिखने वाले इन कृमियों की लंबाई 4-12 इंच और होती है। इनका रंग कुछ मटमैला या पीला होता है। ये खास तौर से छोटी आंतों में मौजूद होते हैं लेकिन कभी-कभी आमाशय, प्लीहा और फेफड़े तक भी ये चले जाते हैं।

ALSO READ: इन 5 लक्षणों से जानें आपको लि‍वर संबंधी कोई समस्या तो नहीं...
 
लक्षण -
1 आंतों में कृमियों का होना आंत की क्रिया में रुकावट उत्पन्न करता है और कई बार मितली आने की समस्या होती है।
2 पेट में दर्द और मरोड़ के साथ कब्ज होना। कभी-कभी ये दस्त का कारण भी बनते हैं।
3 नींद में रोगी के मुंह से लार बहती है और बच्चे दांत पीसने लगते हैं।
4 रोगी के नाक-मुंह में खुजली होती है। कभी-कभी शरीर पर पित्ती भी उछल जाती है।
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी