शोध - आंसुओं से भी हो सकता है कोरोना!

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कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अगल - अलग रिसर्च जारी है। कोविड के लक्षण भी एक समान नहीं है। कोरोना वायरस के शुरूआती लक्षण कॉमन कोल्‍ड की तरह थे। लेकिन कई बार लक्षण नजर नहीं आने पर कोविड रिपोर्ट फिर भी पॉजिटिव आई है। हाल ही में एक स्‍टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों के आंसुओं (Covid-19 by Tears)से भी हो सकता है। यह शोध अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा किया गया है। इस दौरान करीब 120 लोगों पर नजर रखी गई है। हालांकि विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों के मुताबिक कोविड सांस के जरिए ही होता है। 
 
120 मरीजों पर किए गए शोध में सामने आया कि 60 मरीजों के आंसुओं के जरिए वायरस शरीर के दूसरे हिस्‍से में भी पहुंचा है। लेकिन 60 मरीजों में ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसमें 37 फीसदी मरीजों में कोविड -19 संक्रमण पाया गया था और 63 फीसदी मरीजों में कोविड के गंभीर लक्षण थे। 
 
हालांकि कोरोना वायरस का प्रकोप कम नहीं हुआ है। वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं द्वारा अगस्‍त या सितंबर माह में तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। वहीं देखा जाए तो जनता भी कोविड-19 के नियमों का उल्‍लंघन करते नजर आ रही है। जनता बाजारों में बिना मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग के घूम रही हैं। यह हाल देखते हुए वैज्ञानिकों का दावा है कि तीसरी लहर जल्‍दी भी आ सकती है। साथ ही उसे किसी भी प्रकार से टाला नहीं जा सकता। 
 

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