ब्रश न बदलने से हो सकने वाली बीमारियां
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मुँह के छाले और संक्रमण:पुराने ब्रश पर जमा बैक्टीरिया मुँह में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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गम डिजीज (मसूड़ों की बीमारियां): समय पर ब्रश न बदलने से मसूड़ों में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है।
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सांसों की दुर्गंध (Bad Breath): ब्रश की सफाई ठीक से न होने पर मुंह से दुर्गंध आने लगती है।
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दांतों की सड़न (Tooth Decay): घिसे हुए ब्रश से दांतों की सफाई सही से नहीं हो पाती, जिससे दांतों में कैविटी हो सकती है।
कब और कितने समय में बदलना चाहिए ब्रश?
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हर 3 महीने में बदलें ब्रश:डेंटिस्ट्स के अनुसार हर तीन महीने में ब्रश बदलना चाहिए।
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ब्रश के घिसने पर तुरंत बदलें:अगर ब्रश के ब्रिसल्स जल्दी खराब हो जाएं, तो तीन महीने का इंतजार न करें।
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बीमार होने के बाद ब्रश बदलें:सर्दी, खांसी, फ्लू या किसी अन्य संक्रमण से ठीक होने के बाद ब्रश जरूर बदलें।
ब्रश चुनने के सही तरीके
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सॉफ्ट ब्रिसल्स वाला ब्रश चुनें:सॉफ्ट ब्रिसल्स मसूड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाते और बेहतर सफाई करते हैं।
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एर्गोनॉमिक डिजाइन:ऐसा ब्रश चुनें जो पकड़ने में आरामदायक हो और मुंह के हर कोने तक पहुंचे।
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