side effects of wearing contact lenses: आज के डिजिटल और फास्ट-फैशन दौर में कॉन्टैक्ट लेंस पहनना आम होता जा रहा है। यंगस्टर्स से लेकर बुजुर्ग तक, चाहे वो नजर की कमजोरी के कारण हो या ब्यूटी के लिए, बड़ी संख्या में लोग चश्मे की जगह लेंस का विकल्प चुन रहे हैं। कॉन्टैक्ट लेंस न केवल आंखों की सुंदरता को निखारते हैं बल्कि उन्हें पहनने से चेहरा भी अधिक स्पष्ट दिखाई देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर लेंस का सही तरीके से उपयोग न किया जाए तो यह आपकी आंखों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है? बहुत से लोग कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के बाद आंखों में जलन, लालपन, धुंधलापन और यहां तक कि संक्रमण जैसी समस्याओं से जूझते हैं। यह लेख आपको कॉन्टैक्ट लेंस के सभी संभावित साइड इफेक्ट्स, उनके कारण और उनसे बचने के उपायों की विस्तार से जानकारी देगा।
कॉन्टैक्ट लेंस क्या हैं और क्यों लोग इन्हें पसंद करते हैं?
कॉन्टैक्ट लेंस एक प्रकार का पतला, पारदर्शी या रंगीन प्लास्टिक का टुकड़ा होता है जिसे सीधे आंख की प्यूपिल पर पहना जाता है। यह आई साईट सुधारने के लिए चश्मे का दूसरा ऑप्शन माना जाता है। कई लोग इन्हें स्टाइल स्टेटमेंट के रूप में भी पहनते हैं, खासकर रंगीन लेंसों को। वे विशेष अवसरों पर अपने लुक को बदलने के लिए इन्हें चुनते हैं। लेकिन इस सुविधा और सुंदरता के पीछे छिपा है एक खतरा – संक्रमण, एलर्जी, और दृष्टि हानि तक की संभावना।
कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के क्या साइड इफेक्ट्स हैं?
1. आंखों में संक्रमण (Eye Infection): सबसे सामान्य और खतरनाक साइड इफेक्ट है कॉर्नियल इंफेक्शन (Corneal Infection)। यह तब होता है जब लेंस गंदे होते हैं या लंबे समय तक पहने जाते हैं। इससे आंखों में लालपन, तेज जलन, और यहां तक कि दर्द हो सकता है।
2. कॉर्नियल अल्सर (Corneal Ulcer): यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें आंख की बाहरी सतह पर घाव बन जाते हैं। यह असहनीय दर्द और रोशनी के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता का कारण बन सकता है।
3. सूखी आंखें (Dry Eyes): लेंस पहनने से आंखों की नमी कम हो जाती है, जिससे आई ड्रायनेस की समस्या हो जाती है। आंखें भारी लगती हैं और जलन होने लगती है।
4. एलर्जी और जलन (Allergic Reactions): कुछ लोगों को लेंस के मटेरियल या लेंस में इस्तेमाल किए गए केमिकल से एलर्जी हो सकती है, जिससे आंखों में खुजली और लालपन होता है।
5. धुंधली दृष्टि (Blurred Vision): अगर लेंस सही आकार, पावर या सफाई में न हो, तो देखने में कठिनाई हो सकती है। धुंधलापन कभी-कभी गंभीर संक्रमण का संकेत भी होता है।
6. ऑक्सीजन की कमी (Hypoxia): आंखों को स्वस्थ रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। लेंस पहनने से ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है, जिससे कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है।
7. लेंस के टूटने या आंख में फंसने का खतरा: कभी-कभी लेंस आंख में फंस जाता है या अचानक सूखकर टूट सकता है, जिससे आंख में चोट पहुंचती है।
इन Side Effects से कैसे बचें?
लेंस को हमेशा साफ और सही तरह से स्टोर करें।
समय-समय पर लेंस को निकालें और आँखों को आराम दें।
लेंस को कभी भी पानी या थूक से साफ न करें।
सिर्फ आंखों के विशेषज्ञ (Eye Specialist) की सलाह से ही लेंस खरीदें।
कभी भी लेंस पहन कर न सोएं, जब तक वह विशेष रूप से overnight use के लिए न हो।
अगर आंखों में जलन, लालपन या धुंधलापन हो, तो तुरंत लेंस हटा दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
हाथों को अच्छी तरह धोकर ही लेंस को छुएं।
कॉन्टैक्ट लेंस पहनना सुरक्षित है या नहीं?
अगर लेंस को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो वे सुरक्षित होते हैं और वर्षों तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं। लेकिन लापरवाही और जानकारी की कमी इन्हें खतरनाक बना सकती है। फैशन और सुविधा के चक्कर में अपनी आंखों की सेहत से खिलवाड़ करना सही नहीं। लेंस का चुनाव डॉक्टर की सलाह से करें और हर नियम का पालन करें।
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