अकेलेपन की बीमारी अब घर से बाहर नौकरी या प़ढ़ाई कर रहे युवाओं में भी बढ़ रही है। विद्यार्थी तो फिर भी अपने दोस्तों के समूह में रहते हुए इससे पार पा लेते हैं, लेकिन नौकरीपेशा लोगों के लिए इससे निकलना आसान नहीं हो पाता। अकेलेपन की त्रासदी में खुद को डुबो लेने की बजाए अपने मन का आंगन तलाशें। इसे सकारात्मक रूप से लेते हुए मन को समझाएं कि जीवन ने अब आपको अपने रुचियों को पूरा करने का समय दिया है।
अपने व्यक्तित्व को आप कुछ सकारात्मक रूप दें, उसे संवारे, सराहें। सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप खुद से प्यार करें। अच्छी नौकरी पाने के लिए लंबे समय तक खुद को पढ़ाई में झोंक देने के कारण जिन शौक व पसंदीदा गतिविधियों को आप भुला चुके हैं, उसके बारे में सोचे और उस कार्य को करने की कोशिश करें। ऑफिस या निवास के आस-पास अपने ही उम्र के लोगों के साथ मिलकर एक समूह बनाने की कोशिश करें। नाइट पार्टीज, म्यूजिक ग्रुप, बुक क्लब बनाकर अकेलेपन को बांटें।
शहर में कोई रिश्तेदार हैं तो उनसे मेल-जोल भी आपके तनाव को दूर रखेगा। पुराने दोस्त, जिनसे आप सालों से अपनी व्यस्त दिनचर्या के चलते नहीं मिल पाए। उनसे दोबारा मिलना आपको बहुत खुशी देगा। जीवन का यह समय जिसे आप तनाव में गुजार रहे हैं अपनी पसंदीदा जगहों पर घूमने के लिए बेहद उपयुक्त है, जिसका आप सार्थक प्रयोग कर सकते हैं। शहर में शाम को हो रहे अपने रुचि के सांस्कृतिक आयोजन में शामिल होकर, खाली समय का अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है।