कोरोना वायरस का प्रकोप अब धीरे - धीरे कम होने लगा है। देश में अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। लेकिन जनता शायद दूसरी लहर का खौफ भूल गई है। इसलिए देश के जिस राज्य, क्षेत्र या गांव में अनलाॅक हुआ है बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। लोगों के मास्क नाक से नीचे दाढ़ी पर ही अटक गए हैं। शायद इस वायरस का डर आज भी सिर्फ वही लोग बेहतरी से समझ सके हैं जिन्होंने असमय अपनों को इस काल में खो दिया है। कुछ शब्दों में कहा जाए तो सावधानी हटी, आक्रमण बढ़ा यही हाल कहीं फिर से नहीं हो जाए।