1 युरिनरी फंक्शन में बदलाव : सबसे पहला लक्षण जो उभर कर आता है वह है युरिनरी फंक्शन में बदलाव। किडनी में किसी प्रकार की समस्या के चलते पेशाब के रंग, मात्रा और कितने बार पेशाब आती है, इन चीजों में बदलाव आने लगते है।
2 शरीर में सूजन आना : जब किडनियों की कार्यप्रणाली में कोई दिक्कत आती है तो शरीर से बाहर न निकलने वाली गंदगी और तरल पदार्थ समस्याएं उत्पन्न करते हैं। जिनसे शरीर में सूजन आ जाती है। यह सूजन हाथों, पैरों, जोड़ों, चेहरे और आंखों के नीचे हो सकती है। अगर आप अपनी त्वचा को उंगली से दबाएं और डिम्पल थोड़ी देर तक बने रहें तो डॉक्टर के पास जाने में देर न करें।
3 चक्कर आना और कमजोरी : जब किडनियों की कार्यप्रणाली में अवरोध होता है, तो आपको चक्कर आने की अशंका बढ़ जाती है। पूरे समय आप थकावट महसूस करते हैं और कमजोरी का एहसास होता है। ये लक्षण खून की कमी और गंदगी के शरीर में जमा होने से उत्पन्न हो सकते हैं।
5 स्किन खुरदुरी हो जाना और खुजली होना : अचानक त्वचा का फटना, रेशेज होना, अजीब लगना और बहुत ज्यादा खुजली महसूस होना शरीर की गंदगी के एकत्रित होने के परिणाम हो सकते हैं। किडनी के निष्प्रभावी हो जाने से शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस की मात्रा प्रभावित होती है, जिससे अचानक से बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है। आमतौर पर स्वस्थ त्वचा भी फटने लगती है, खुरदुरी हो जाती है और खुजली होती है।