गोमूत्र का सेवन करते हैं तो रहें सावधान

हाल के एक रिसर्च के मुताबिक गायों और बैलों के मूत्र में 14 तरह के घातक बैक्टीरिया पाए गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह रिसर्च बरेली स्थित आईसीएआर (ICAR) इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्‍यूट द्वारा किया गया है। यह शोध भोजराज सिंह के नेतृत्व में किया गया था। 3 पीएचडी छात्र उनके सहयोगी थे। 
 
इस अध्ययन में पाया गया कि गायों और सांडों (बैल) के मूत्र में एस्चेरिचिया कोलाई की उपस्थिति के साथ ही करीब 14 प्रकार के घातक बैक्टीरिया होते हैं। ये बैक्टीरिया में पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। 
 
गोमूत्र सेवन में कुछ सामान्य सावधानियां रखना भी बेहद आवश्यक है।  पढ़ें 7 जरूरी सावधानियां - 
 
देशी गाय का गोमूत्र ही सेवन करें। गाय गर्भवती या रोगी न हो।
 
जंगल में चरने वाली गाय का मूत्र सर्वोत्तम है। 
 
1 वर्ष से कम की बछिया का मूत्र सर्वोत्तम है। 
 
मालिश के लिए 2 से 7 दिन पुराना गोमूत्र अच्‍छा रहता है। 
 
पीने हेतु गोमूत्र को 4 से 8 बार कपड़े से छानकर प्रयोग करना चाहिए।
 
बच्चों को 5-5 ग्राम और बड़ों को 10 से 20 ग्राम की मात्रा में गोमूत्र सेवन करना चाहिए।
 
गायों और बैलों के मूत्र में घातक बैक्टीरिया पाए जाने का कारण यह भी हो सकता हैं कि गायें विषाक्त सामग्री, प्लास्टिक और अन्य हानिकारक पदार्थ खा लेती है जिसका असर गोमूत्र में आ जाता है... 
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