टीवी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ को हुआ लिवर ट्यूमर, जानिए कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

WD Feature Desk

शुक्रवार, 16 मई 2025 (17:37 IST)
dipika kakar tumor : टीवी की जानी-मानी कलाकार दीपिका कक्कड़ को लिवर ट्यूमर होने की जानकारी सामने आई है। उनके हसबेंड शोएब इब्राहिम ने दीपिका की हेल्थ कंडीशन के बारे में जानकारी शेयर कर फैंस से इस मुश्किल घड़ी में उनका साथ और प्रेयर चाहा है। शोएब ने बताया कि दीपिका को हलके पेट सर्द के बाद सीटी स्कैन में पता चला कि उनके लिवर के लेफ्ट लोब में टेनिस बॉल के साइज जितना ट्यूमर है। इसके बाद कई लोग ये जानना चाहते हैं  कि आखिर लिवर ट्यूमर क्या होगा, इसके लक्षण और कारण क्या होते हैं और यह कितना खतरनाक है, चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

हमारा लिवर (यकृत) शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन और चयापचय जैसे अनगिनत कार्यों को अंजाम देता है। यह हमारे शरीर का एक शक्तिशाली फिल्टर है, जो हमें स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन, जब लिवर में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो यह ट्यूमर का रूप ले सकती हैं। ये ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) या गैर-कैंसरयुक्त (सौम्य) हो सकते हैं। लिवर ट्यूमर एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जिसके बारे में जागरूकता और समय पर पहचान बहुत ज़रूरी है। आइए जानते हैं लिवर ट्यूमर के मुख्य कारण, लक्षण और इससे बचाव के आसान उपाय क्या हैं।

लिवर ट्यूमर क्या है?
लिवर ट्यूमर, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, लिवर के अंदर कोशिकाओं का एक असामान्य द्रव्यमान या गांठ होती है। सौम्य ट्यूमर आमतौर पर हानिरहित होते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलते, जबकि कैंसरयुक्त (घातक) ट्यूमर फैल सकते हैं और जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। लिवर में होने वाले कैंसर को 'प्राइमरी लिवर कैंसर' कहते हैं, जब कैंसर कोशिकाओं की शुरुआत लिवर में ही होती है। वहीं, 'सेकेंडरी लिवर कैंसर' तब होता है जब कैंसर शरीर के किसी अन्य हिस्से से लिवर में फैलता है।

लिवर ट्यूमर के कारण:
  1. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी: ये दोनों वायरस लिवर में लंबे समय तक सूजन और क्षति का कारण बनते हैं, जिससे सिरोसिस (लिवर का सिकुड़ना) और अंततः लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  2. सिरोसिस (Cirrhosis): लिवर का कोई भी पुराना रोग जो सिरोसिस का कारण बनता है (जैसे अत्यधिक शराब का सेवन, गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग) लिवर कैंसर का जोखिम बढ़ाता है। सिरोसिस में लिवर की सामान्य कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होकर रेशेदार ऊतकों में बदल जाती हैं।
  3. गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD): मोटापा, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल से जुड़ा यह रोग लिवर में वसा जमा होने का कारण बनता है, जिससे सूजन और लिवर को नुकसान हो सकता है, जो आगे चलकर ट्यूमर का रूप ले सकता है।
  4. अत्यधिक शराब का सेवन: शराब लिवर को सीधे नुकसान पहुंचाती है, जिससे लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  5. मोटापा और मधुमेह: ये दोनों स्थितियां गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग और लिवर कैंसर के जोखिम को बढ़ाती हैं।
  6. अफलाटॉक्सिन (Aflatoxin): यह एक फंगल टॉक्सिन है जो कभी-कभी दूषित अनाज (जैसे मक्का, मूंगफली) में पाया जाता है। लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से लिवर कैंसर हो सकता है।
  7. आनुवंशिक कारक: कुछ दुर्लभ आनुवंशिक स्थितियां भी लिवर कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
लिवर ट्यूमर के लक्षण:
लिवर ट्यूमर के शुरुआती चरणों में अक्सर कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते। यही कारण है कि यह अक्सर देर से पता चलता है। हालांकि, जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, कुछ लक्षण उभर सकते हैं:
1. पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द या बेचैनी: लिवर के स्थान पर लगातार या रुक-रुक कर दर्द होना।
2. पेट में सूजन या गांठ: पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में सूजन या छूने पर गांठ महसूस होना।
3. अस्पष्टीकृत वजन घटना: बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक वजन कम होना।
4. भूख न लगना: भूख में कमी या जल्दी पेट भरा हुआ महसूस होना।
5. जी मिचलाना और उल्टी: लगातार मतली या उल्टी की शिकायत।
6. पीलिया (Jaundice): त्वचा और आँखों का पीला पड़ना, गहरा मूत्र और हल्के रंग का मल। यह तब होता है जब लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता।
7. थकान और कमजोरी: अत्यधिक और लगातार थकान महसूस होना।
8. बुखार: बिना किसी स्पष्ट कारण के बुखार आना।
9. त्वचा में खुजली: बिलीरुबिन के जमाव के कारण त्वचा में खुजली होना।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव होता है, खासकर यदि आपमें जोखिम कारक मौजूद हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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लिवर ट्यूमर से बचाव के उपाय:
अच्छी खबर यह है कि लिवर ट्यूमर, खासकर कैंसर, के जोखिम को कम करने के लिए कई प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं:
  1. हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण करवाएं: यह लिवर कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक से बचाता है।
  2. हेपेटाइटिस सी से बचाव: सुरक्षित यौन संबंध बनाएं, नशीली दवाओं के इंजेक्शन से बचें और रक्त संपर्क से बचें।
  3. शराब का सेवन सीमित करें या छोड़ दें: शराब लिवर को नुकसान पहुंचाती है। इसका सेवन कम करके या पूरी तरह से त्याग कर लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
  4. स्वस्थ वजन बनाए रखें: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से मोटापे से बचें।
  5. संतुलित और पौष्टिक आहार लें: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लिवर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। प्रोसेस्ड फूड, अधिक चीनी और वसा वाले भोजन से बचें।
  6. नियमित व्यायाम करें: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना लिवर सहित पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  7. मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करें: यदि आपको मधुमेह या उच्च कोलेस्ट्रॉल है, तो इसे नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर की सलाह और दवाओं का पालन करें।
  8. धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि लिवर सहित कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है और कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
  9. नियमित स्वास्थ्य जांच: यदि आपमें लिवर ट्यूमर के जोखिम कारक हैं (जैसे क्रोनिक हेपेटाइटिस, सिरोसिस), तो नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं। शुरुआती पहचान इलाज में बहुत मददगार होती है।
लिवर हमारे शरीर का एक अमूल्य अंग है, जिसका स्वास्थ्य हमारी समग्र सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लिवर ट्यूमर के बारे में जानकारी रखना और जोखिम कारकों को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाना हमें इस गंभीर बीमारी से बचाने में मदद कर सकता है। अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर और लक्षणों के प्रति सचेत रहकर आप अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं और एक लंबा, स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
 

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