यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की डॉ. लीसा गैलिया द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि मातृत्व में कदम रखने से महिलाओं के ज्ञान, ध्यान, याददाश्त, समस्याएं सुलझाने और निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ता है, साथ ही हार्मोन थेरैपी से न्यूरोप्लास्टिसिटी में भी परिवर्तन होता है।