दीपिका : एक प्रेम कहानी

हर रोज किसी न किसी रूप में साहित्य का सृजन हो रहा है। कई ऐसे लेखक हैं जिन्होंने कम उम्र में अपनी रचनाओं से लोगों को आकर्षित किया है। इन्हीं में से एक नाम है 'दीपिका : एक प्रेम कहानी' के लेखक अर्जुन नाविक और अंकुर महर का। दीपिका एक प्रेम कहानी, एक उपन्यास है। यह लेखकों की पहली रचना है।

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यह उपन्यास टीनएज प्यार पर लिखा गया है। इसमें बचपन के प्यार के हर पक्ष को बड़ी ही बारीकी से उकेरा गया है। किताब की खास बात यह है कि इसकी पूरी कहानी अंकुर महर की असली जिंदगी की कहानी है। कुछ काल्पनिक पक्षों को जोड़कर इस उपन्यास की रचना की गई है।

बचपन का प्यार क्या होता है, कैसे नजरों से नजरें मिलती हैं और दिल धड़क उठता है। कैसे कल्पना की दुनिया में हम गोते लगाने लगते हैं, भावनाओं का ज्वार कैसे हमारे दिल में उमड़ता-घुमड़ता है, कैसे एक बार दिल में कोई बस जाए तो उसकी एक मुस्कुराहट, एक हंसी पर हम जान छिड़कते हैं।

कहने का भाव यह कि एक बार कोई आपके दिल में क्या बसा, उसके चेहरे की हर एक रंगत आपके लिए बहुत मायने रखने लगती है। उसकी एक अदा पर हम सबकुछ कुर्बान करने को तैयार हो जाते हैं।

वैसे यह सिर्फ कम उम्र में ही नहीं होता है, बड़ों के साथ भी ऐसा होता है। फिर भी बचपन की वह मासूमियत उसमें नहीं होती है। कितना निश्छल होता है बचपन का प्यार। इस उपन्यास में बचपन के प्यार की पूरी कहानी मोहकता से कही गई है। यही बात इसे पठनीय बनाती है।

पुस्तक समीक्षा : दीपिका 'एक प्रेम कहानी'(उपन्यास)
लेखक : अर्जुन नाविक और अंकुर महर
प्रकाशक : रिगी पब्लिकेशन,पंजाब
मुल्य : 143 रूपए

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