वल्लभ विलास:सहज कविता संग्रह

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वल्लभ विलास ( कविता संग्रह) की मोहक कविताएँ हर उस पाठक को आकर्षित करने में सक्षम है जो जीवन के स्पंदन को अपने दिल में गहराई से महसूस करता है। डॉ. वल्लभदास शाह के इस ताजातरीन काव्य संग्रह में भाव और विचार की नदी ही प्रवाहित नहीं होती बल्कि संवेदना के कोमल झरने भ‍ी मानस को तृप्त करते हैं । कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से पाठकों को जीवन के प्रति आशावान बनाता है साथ ही स्वयं भी अपनी आस्था का बयान करता है -

' शाम ढल गई तो क्या ,
जब तक प्रकाश की किरण है बाकी
जीता हूँ कुछ इस तरह
मानो अभी बाकी है
हजारों साल का जीवन ... '

कवि सिर्फ कल्पनाओं को ही अपनी लेखनी का स्पर्श नहीं कराता बल्कि यथा‍र्थ की राजनीति,रिश्वत,अपराध,अत्याचार,कुटिलताओं को भी प्रखरता से अभिव्यक्त करता है। डॉ. शाह कवि होने के अलावा पेशे से डॉक्टर हैं । जीवन की कई मार्मिकता उन्होंने करीब से देखी है इसीलिए उनकी कविताओं में आम आदमी का दर्द बड़ी प्रमुखता से मुखरित हुआ है। सीधी सादी भाषा में भी भावों का सौन्दर्य छुप नहीं सका और कविता अपने गुढ़ गहन अर्थ के साथ पाठक को बाँधने में सफल रही है।

' मरने के बाद
अमर रहे' के नारों से
कोई होता नहीं अमर
मरने से पहले
जो अमर हो जाता है
वही होता है अमर मर कर ...'

कुछ कविताए संग्रह की कमजोर कविताएँ कही जा सकती हैं लेकिन उद्देश्यों की शुभता के कारण वे भी पाठकों को अपनी तरफ खींचने में सफल रही है। कुल मिला कर डॉ. शाह का कविता संग्रह 'वल्लभ विलास' सहज और पठनीय है।

पुस्तक : वल्लभ विलास( कविता संग्रह)
लेखक : डॉ. वल्लभदास शाह
प्रकाशक : बुरहानपुर हिन्दी मंच
मूल्य : 50 रू.

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