यथार्थ योग, जीवन रूपांतरण का फार्मूला

बुधवार, 15 नवंबर 2017 (14:27 IST)
डॉक्टर ओमानंद की पुस्तक 'यथार्थ योग, जीवन रूपांतरण का फार्मूला' बहुत ही प्रभावकारी है। इस पुस्तक में योग के संपूर्ण आयामों का संक्षिप्तीकरण और सरलीकरण कर जिस तरीके से रंगीन चित्रों के साथ प्रस्तुत किया गया है निश्चित ही यह उन लोगों के लिए समझने और करने में सुविधाजनक सिद्ध होगा जो कि योग से अपरिचित हैं।
 
 
हिन्दू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका से योग ध्यान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त डॉक्टर ओमानंद के योगासन किए हुए चित्रों से सजी यह पुस्तक संग्रह करने लायक है। यह योग ही हजारों किताबों का निचोड़ है। युग पुरुष महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी परमादंन गिरि को समर्पित इस पुस्तक का प्राक्कथन शंकरभाई पटेल ने लिखा है जोकि जनरल सेक्रेटरी सीबीआईओए अहमदाबाद सर्कल के वाइस प्रेसिडेंट हैं। आभार लिखा है ख्‍यात पत्रकार राजशेखर व्यास ने। इसके बाद श्री ओमानंद जी की 'जीवन जागृति' नामक शीर्षक की संक्षिप्त टिप्पणी है। कवर पृष्ठ ओमानंद की तस्वीर से सजा है तो उसके पीछे डॉ. ओमानंद का संक्षिप्त परिचय है। दूसरी ओर बेक कवर पर साधकों की अनुभूतियां के बारे में उल्लेख है तो उसके पीछे डॉ. ओमानंद द्वारा लिखी गई अन्य पुस्तकों की सूची है।
 
 
परमानंद यूनिवर्सिटी ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के उन्नीस अध्याय हैं। 19 अध्यायों और 148 पन्नों में सिमटी इस पुस्तक का हर अध्याय और पन्ना अद्भुत तरीके से श्रेणीबद्ध किया गया है। सभी अध्यायों के मुख्य बिंदुओं को उप शीर्षक के साथ पाइंटों में लिखा गया है। एक भी लाइन या पैरा ऐसा नहीं है जो व्यर्थ जान पड़ता हो।
 
अध्याय पहले का नाम 'योग दृष्टि' है जिसमें योग क्या है, योग के प्रकार, योग की परिभाषा और योग के सभी अंगों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। अध्याय 2 में 'योगाभ्यास की पूर्व तैयारियों' का जिक्र है। अध्यान 3 में 'चिद्शक्ति प्रक्रिया एवं ध्यान' के बारे में बताया गया है। 'परमानंद यौगिक क्रम' नाम के अध्याय 4 में परमादंन योग के बारे में बाताया गया है। इसी तरह 'प्रार्थना' नाम के 5वें अध्याय में योग की प्रार्थना और प्रार्थना करने की विधि को बताया गया है। अध्याय 6 का शीर्षक है 'मन का विज्ञान।' इस अध्याय में मन में आने वाले विचार, मन, चेतन, अवचेतन, बुद्धि, विवेक, पांच शरीर, मन की वृत्तियां, नींद आदि के बारे में बहुत ही सटीक जानकारी है।
 
 
'मंत्र, तंत्र और योग' नाम के अध्याय 7 में मंत्र रहस्य, चिकित्सा और मंत्र दीक्षा के बारे में बताया गया है। 'आपका तन शक्तियों का खजाना' नामक अध्याय 8 में हमारे शरीर की प्रमुख विशेषताओं के बारे में बहुत ही अद्भुत जानकारी दी गई है। सचमुच ऐसी जानकारियां आपको और कहीं पढ़ने को शायद ही मिली हो। अध्यान 9 बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय है जिसका नाम है 'इनसोमनिया (अनिद्रा) योगथैरेपी।' आधुनिक जीवनशैली के चलते अधिकतर लोग तनाव, अवसाद और चिंता में घिरे रहते हैं, जिसके चलते उन्हें नींद नहीं आती, और भी कई कारणों का इस पुस्तक में जिक्र किया गया है और साथ ही इससे मुकित के सरल उपाय भी बताए गए हैं।
 
 
अध्याय 10 का शीर्षक है 'स्ट्रेस, टेंशन, एन्क्साइटी एवं डिप्रेशन।' शीर्षक से ही पता चलता है कि इस अध्याय में क्या होगा। उपरोक्त अध्याय की तरह ही इस अध्याय में भी कारण, उपाय और योगाभ्यास की टिप्स बताई गई है। 11वें अध्याय का शीर्षक है 'सिरदर्द।' और अध्याय 12 का शीर्षक है 'डायबिटीज अर्थात मधुमेह।' इस अध्याय में शुगर के प्रकार, कारण, उपाय और योगाभ्यास की टिप्स बताई गई है। इसी तरह की टिप्स अध्याय 13 'मोटापा' में भी बताई गई है।
 
 
14वें अध्याय में 'यौगिक श्वसन, क्रियाएं और अंग संचालन' के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है। डॉ. ओमानंद के द्वारा किए गए अंग संचालन के चित्रों से सजा यह 14वां अध्याय उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो कि योग सिखना चाहते हैं। योगासन करने के पहले अधिकतर योग शिक्षक अंग संचालन को सिखने की ही सलाह देते हैं। इसके बाद 15वें अध्याय में 'सूर्य नमस्कार' के क्रम के बारे में बाताया गया है साथ ही चित्रों के माध्यम से कैसे करें सूर्य नमस्कार यह भी दर्शाया गया है।
 
 
16वें अध्याय में योगासन की सावधानियां और महत्वपूर्ण 41 योगासनों की विधि को 17 पन्नों में चित्रों के माध्यम से बताया गया है। इसके बाद नंबर आता है प्राणायाम का। 'प्राणायाम' नामक 17वें अध्याय में महत्वपूर्ण पांच प्रणायामों की विधि के साथ ही सावधानियों के बारे में बताया गया है। 18वें अध्याय का नाम है 'मुद्रा विज्ञान।' इस अध्याय में आठ महत्वपूर्ण मुद्राओं के बारे में चित्रात्मक जानकारी है। और अंत में 19वें अध्याय में 'हवन' अर्थात अग्निहोत्र कर्म के विज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने लायक है। इसमें अग्निहोत्र के अद्भुत लाभ के बारे में उल्लेख मिलेगा और कैसे हवन करें यह भी बताया गया है।
 
 
यदि आपकी योग और योगासन करने में रुचि है तो निश्चित ही आपको यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए, क्योंकि इस पुस्तक में जिस ढंग से योगासन को करने की विधि को समझाया गया है संभवत: आपको ऐसा अन्य किसी पुस्तक में देखने को न मिले। बहुत ही सुंदर पृष्ठ सज्जा और लेखन से सजी इस पुस्तक से आप निश्चित ही योग के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
 
लेखक : डॉ. ओमानंद (योगा थेरेपीस्ट)
प्रकाशक : परमानंद यूनिवर्सिटी ट्रस्ट
परमानंद केम्पस, लिम्बोदी, खंडवा रोड़, इंदौर

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