पत्तियों पर केंद्रित एक किताब

विनोद श्रीवास्त
NDND
लेखक के अध्यापन एवं अध्ययन से प्राप्त अनुभव के आधार पर विषय सामग्री को इस पुस्तक में रोचक व सरल शैली में सँजोया गया है। हरे पौधों में पाई जाने वाली पत्ती सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरोफिल के सहयोग से भोजन का निर्माण करने में सक्षम होती है। इसी भोजन के आधार पर इस धरातल पर समस्त जीवधारियों का अस्तित्व संभव है। पत्ती में अद्वितीय गुण होते हैं। पत्ती भोजन निर्माण के साथ भोजन के संचय का काम भी करती है। वाष्पोत्सर्जन, पोषक तत्वों का संवहन, पोषण व गैसीय विनिमय से वायुमंडल में ऑक्सीजन व कार्बन डायऑक्साइड का संतुलन बनाए रखने में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।


पुस्तक को 10 खंडों में विभाजित किया गया है। इन खंडों में विभिन्न जानकारियाँ हैं, जैसे पत्ती के अनेक रूपों का वर्णन एवं कार्य, वातावरण के अनुकूल पत्तियों का रूप-रंग बनना, भोजन निर्माण का इतिहास प्रयोगों के साथ, सूर्य से मिलने वाले प्रकाश व कार्बन डाय-ऑक्साइड और क्लोरोफिल का मिलाजुला प्रभाव, पत्तियों के अनोखे रूप जिनमें कीटभक्षी पत्ती (जो रूपांतरण होता है पत्ती का) या शिकारी पत्ती, ऐसे पौधों की जानकारी जिनमें पत्तियाँ अनुपस्थित होती हैं, सूचना देने वाली पत्तियाँ जो संकेत देती हैं आने वाली बहार का, पत्तियों का झड़ना-गिरना क्यों जरूरी होता है पौधों के लिए आदि।

जैसे जीवन का आधार पानी है उसी के समकक्ष हम कह सकते हैं कि पानी के साथ-साथ पत्ती भी जीवन का आधार है। पत्ती के विभिन्न आकार-प्रकार, विभिन्न कार्यक्षमता, वातावरण शुद्धिकरण में पत्ती का योगदान आदि महत्वपूर्ण जानकारियाँ निश्चित ही सभी के लिए उपयोगी हैं। उम्मीद है कि इसे पढ़ने के बाद पत्ती की उपयोगिता जानकर आमजन इसकी सुरक्षा हेतु प्रयत्नरत रहेंगे। पत्ती की रक्षा यानी पौधे की रक्षा, पौधे की रक्षा यानी संतुलित व स्वच्छ वातावरण को बनाए रखकर वे प्रकृति के इस अनमोल उपहार के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

संपूर्ण पुस्तक का रचना कार्य एक सुव्यवस्थित शैली से किया गया है। विषय वस्तु को समझाने के लिए भाषा को शुद्ध, सरल एवं बोधगम्य रखने का सफल प्रयत्न किया गया है। इसके साथ-साथ रोचक बिंदुओं और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों का समावेश भी कुशलता से किया गया है।

पुस्तक : बिन पत्ती सब सून
लेखक : किशोर पँवार
प्रकाशक : एकलव्य, ई-7 , एचआईजी 453 , अरेरा कॉलोनी, भोपाल।
मूल्य : 35 रुपए।